पड़ोस के जिले में बढ़ी कोढ़ा गैंग की सक्रियता, मुजफ्फरपुर में पुलिस की बढ़ी चिंता
कोढा गैंग बैंक को टारगेट करता है। ग्राहक के पैसे निकासी पर नजर रखता है। ग्राहक जैसे ही पैसा निकासी कर बैंक से बाहर निकलता उसे अपना शिकार बना लेता है।
समस्तीपुर, जेएनएन। जिले में कोढ़ा गैंग के अपराधियों के सक्रिय होने की सूचना है। इससे पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई। मंगलवार को शहर में जगह जगह पुलिस की सक्रियता नजर आई। शहर के विभिन्न बैंक व वित्तीय संस्थानों में गश्त बढ़ा दी गई। सेक्टर मोबाइल के जवान भी विभिन्न बैंक के आसपास गश्त लगाते रहे। सभी थानाध्यक्ष अलर्ट मोड में रहे। सभी की निगाहें बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों के आसपास रही। पुलिस ने आमलोगों से भी सतर्क रहने व चौकसी बरतने की अपील की है।
छिनतई के लिए कुख्यात है कोढ़ा गैंग
कोढा गैंग बैंक को टारगेट करता है। बैंक के अंदर घुसकर ग्राहक के पैसे निकासी पर नजर रखता है। ग्राहक जैसे ही पैसा निकासी कर बैंक से बाहर निकलता है गैंग के सदस्य पीछे चल पड़ता है और अपने साथी को इशारा करके आगे पीछे करने लगता है। जगह देख कर बाइक की स्पीड कम कर थैला झपट्टामार कर ले भागता है।
बैंक से ही निशाना बनाते हैं छिनतई गिरोह के सदस्य
आप अगर बैंक में रुपये की निकासी या जमा करने गये हैं तो सतर्क रहें। आप पर बैंक से ही छिनतई गिरोह की नजर रहती है। गिरोह के सदस्य थोड़ी सी चूक होने पर आपको निशाना बना लेते हैं। इन दिनों शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के बैंक में भी इस गिरोह के सदस्य मंडराते रहते हैं और छिनतई की घटना को अंजाम देते हैं।
कोढ़ा के साथ स्थानीय गिरोह भी है सक्रिय
कुछ वर्ष पूर्व तक छिनतई की घटना होती थी तो तुरंत पुलिस की नजर कोढ़ा गैंग की ओर चली जाती थी। बैंक में सादे वर्दी में पुलिस की तैनाती की जाती थी और कई बार इस गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता भी मिलती थी। सूत्र बताते हैं कि कोढ़ा गैंग की तर्ज पर ही कुछ स्थानीय बदमाश भी इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं।
जरा सी लापरवाही पड़ रही भारी
बैंक से जब भी राशि की निकासी करें तो उसे झोला, बैग या डिक्की में नहीं रखें। उसे जेब में या सुरक्षित जगह पर रखे। अगर बैंक जा रहे हैं तो अंजान चेहरे से सतर्क रहें और बिना काम के इधर-उधर घूम रहे लोगों की जानकारी मिलने पर बैंक को सूचित करें ताकि बैंक पुलिस को सूचित कर सके। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
लाचार होते शिकार
इस गिरोह के सदस्य वैसे लोगों को शिकार बनाते हैं जिनके साथ कोई न कोई लाचारी होती है। अधिकांश बुजुर्ग या फिर महिलाओं को निशाना बनाया जाता है। जिससे न तो उसका तत्काल विरोध हो पाता है और न ही उसका पीछा ही किया जाता है। जब तक पुलिस पहुंचती है तब तक इसका कोई अता पता नहीं चल पाता।