स्नातक की कॉपी जांच में बढ़ी सतर्कता, सीसीटीवी से होने लगी मॉनीटरिंग
लंगट सिंह महाविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर स्नातक पार्ट वन की आर्ट्स व सब्सिडियरी की करीब दो लाख कॉपियों की जांच हो रही है।
By Edited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 01:17 PM (IST)
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में 'आख मूंद कॉपियों की चेकिंग और बिना उत्तर पढ़े मार्किंग' शीर्षक से दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद सतर्कता व निगरानी बढ़ गई है। लंगट सिंह महाविद्यालय के मूल्यांकन केंद्र पर स्नातक पार्ट वन की आर्ट्स व सब्सिडियरी की करीब दो लाख कॉपियों की जांच हो रही है। इसमें मनमानी व लापरवाही का वाकया सामने आने पर हाय-तौबा मचने के बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। प्राचार्य सह मूल्यांकन केंद्र के निदेशक प्रो.ओमप्रकाश राय ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे से कॉपियों की जांच की केंद्रीयकृत सख्त निगरानी की जा रही है।
सीसी कैमरे के मॉनीटर पर हर पल निगाह रखी जाती है, जहां कहीं संदेह होता है तुरंत चेक किया जाता है। प्रो. राय ने कॉपी जांच में पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता बरते जाने का दावा किया है। मौके पर परीक्षा नियंत्रक डॉ.रब अंसारी, को-ऑर्डिनेटर डॉ. ललित किशोर भी मौजूद थे। सौ के नोट के लालच में परीक्षक ने फाड़ ली कॉपी इसी केंद्र पर कॉपी जांच कर रहे एक परीक्षक को उसमें सटा हुआ सौ रुपये का नोट मिला।
उत्तरपुस्तिका के एक पेज पर किसी छात्रा ने नंबर बढ़वाने की गुहार लगाते हुए सौ रुपये के नोट चस्पा किया था। नोट देखकर शिक्षक के मुंह में पानी आ गया। उसने उसे कॉपी से अलग करने का प्रयास किया, मगर सफल नहीं हुआ। इस पर पेज ही फाड़ डाला। मूल्यांकन केंद्र पर कार्यरत किसी स्टाफ ने यह दृश्य मोबाइल में कैद कर लिया। उस नोट में कॉपी का फाड़ा हुआ भाग भी सटा दिखाई पड़ रहा था। बिना उत्तर पढ़े मार्किंग ने खोली पोल 21 अक्टूबर को 'दैनिक जागरण' ने वायरल वीडियो के जरिए कॉपी जांच का मामला उजागर किया था।
वीडियो बिहार विश्वविद्यालय में परीक्षा संचालन व कॉपी जांच की व्यवस्था की पोल खोलने को काफी था। कम या अधिक मार्क्स दिए जाने या कॉपी अच्छी तरह से नहीं चेक होने की आम शिकायतों के बीच यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसमें साफ दिख रहा था कि उत्तर पढ़े बिना कॉपी जांची जा रहीं और मार्किंग भी उसी हिसाब से हो रही। एलएस कॉलेज मूल्यांकन केंद्र के इस वायरल वीडियो में उत्तर पुस्तिकाओं पर सही-गलत के निशान जितनी तेजी में लगाए जा रहे थे, उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि कॉपियां किस तरह जांची जा रही थीं।
सीसी कैमरे के मॉनीटर पर हर पल निगाह रखी जाती है, जहां कहीं संदेह होता है तुरंत चेक किया जाता है। प्रो. राय ने कॉपी जांच में पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता बरते जाने का दावा किया है। मौके पर परीक्षा नियंत्रक डॉ.रब अंसारी, को-ऑर्डिनेटर डॉ. ललित किशोर भी मौजूद थे। सौ के नोट के लालच में परीक्षक ने फाड़ ली कॉपी इसी केंद्र पर कॉपी जांच कर रहे एक परीक्षक को उसमें सटा हुआ सौ रुपये का नोट मिला।
उत्तरपुस्तिका के एक पेज पर किसी छात्रा ने नंबर बढ़वाने की गुहार लगाते हुए सौ रुपये के नोट चस्पा किया था। नोट देखकर शिक्षक के मुंह में पानी आ गया। उसने उसे कॉपी से अलग करने का प्रयास किया, मगर सफल नहीं हुआ। इस पर पेज ही फाड़ डाला। मूल्यांकन केंद्र पर कार्यरत किसी स्टाफ ने यह दृश्य मोबाइल में कैद कर लिया। उस नोट में कॉपी का फाड़ा हुआ भाग भी सटा दिखाई पड़ रहा था। बिना उत्तर पढ़े मार्किंग ने खोली पोल 21 अक्टूबर को 'दैनिक जागरण' ने वायरल वीडियो के जरिए कॉपी जांच का मामला उजागर किया था।
वीडियो बिहार विश्वविद्यालय में परीक्षा संचालन व कॉपी जांच की व्यवस्था की पोल खोलने को काफी था। कम या अधिक मार्क्स दिए जाने या कॉपी अच्छी तरह से नहीं चेक होने की आम शिकायतों के बीच यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसमें साफ दिख रहा था कि उत्तर पढ़े बिना कॉपी जांची जा रहीं और मार्किंग भी उसी हिसाब से हो रही। एलएस कॉलेज मूल्यांकन केंद्र के इस वायरल वीडियो में उत्तर पुस्तिकाओं पर सही-गलत के निशान जितनी तेजी में लगाए जा रहे थे, उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि कॉपियां किस तरह जांची जा रही थीं।
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