सीतामढ़ी में नदियों के जलस्तर में वृद्धि, कई इलाकों में फैला बाढ़ का पानी Sitamarhi News
गरीबों तक नहीं पहुंच रही राहत सामग्री। 17 लाख की आबादी बाढ़ की गिरफ्त में 60 हजार लोग राहत शिविरों में गुजार रहे वक़्त। रेलवे ट्रैक हाईवे और राहत शिविर बने पीडि़तों के पनहगार।
सीतामढ़ी, जेएनएन। इलाके में जारी बारिश के चलते बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी हैं। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में जारी बारिश और सीतामढ़ी में जारी बारिश के चलते इलाके में फिर बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया है। सोनबरसा, सुप्पी, रीगा, बोखड़ा और रुन्नीसैदपुर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। पुपरी और चौरौत के नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग परेशान हैं। पुपरी प्रखंड के गंगापटटी समेत कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं।
लगातार बारिश के चलते बागमती, लखनदेई, लाल बकेया, मनुष्यमारा, झीम और अधवारा नदी के जलस्तर में वृद्धि से सुरसंड, मेजरगंज, बैरगनिया, चोरौत के इलाकों में बाढ़ के दोबारा आने की आशंका से लोगों में दहशत है। सीतामढ़ी शहर के कई मोहल्ले अब भी बाढ़ के पानी की गिरफ्त में हैं। उधर बांध, हाईवे और रेलवे ट्रैक पर प्लास्टिक टांग रह रहे विस्थापितों की ङ्क्षजदगी पर बारिश का पानी कहर बरपा रहा है। इधर, शुक्रवार को भी प्रशासनिक स्तर पर राहत कार्य जारी रहा।
एनडीआरएफ की टीम चोरौत के दुर्गम इलाकों में राहत पैकेट उपलब्ध कराती नजर आईं। जबकि डीएम के निर्देश पर अधिकारियों की टीम प्रभावित इलाकों का दौरा किया। साथ ही पीडि़तों के बीच सूखा राहत सामग्री का वितरण किया। डीएम समेत अधिकारियों की टीम लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रही हैं। उधर, बाढ़ के चलते सड़क ध्वस्त होने के कारण जिले के अधिकांश प्रखंडों का गांवों और जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हैं। जबकि सीतामढ़ी जिले का पूर्वी चंपारण, मधुबनी, शिवहर तथा पड़ोसी देश नेपाल से शुक्रवार को भी सड़क संपर्क भंग रहा। इधर, इलाके में जारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार को भी इलाके में रुक-रुक कर तेज बारिश जारी रहने से लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं।
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