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अयोग्य एजेंसी के हाथ में स्मार्ट सिटी की कमान, नौ योजनाओं में छह नाकाम

कामकाज में अक्षम साबित हो रहे एजेंसी के विशेषज्ञ, कार्यशैली से नाराजगी, नगर आयुक्त ने दी कार्रवाई की चेतावनी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 08:11 AM (IST)
अयोग्य एजेंसी के हाथ में स्मार्ट सिटी की कमान, नौ योजनाओं में छह नाकाम
अयोग्य एजेंसी के हाथ में स्मार्ट सिटी की कमान, नौ योजनाओं में छह नाकाम

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी में रहने की पांच लाख शहरवासियों की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं। उनकी उम्मीदों को पूरा करने का जिम्मा अयोग्य एजेंसी को जो मिल गया है। उसके विशेषज्ञ योजनाओं को मूर्त रूप देने में अक्षम साबित हो रहे। दो माह में एजेंसी ने नौ योजनाओं की डीपीआर तैयार की, लेकिन सफल सिर्फ तीन ही हुईं।

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स्मार्ट सिटी परियोजना को जमीन पर उतारने की जवाबदेही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट श्रेयी इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड को सौंपा गया है। लेकिन, एजेंसी अपनी जिम्मेदारी निभाने में अक्षम साबित हो रही। एजेंसी की कार्यशैली से नाराज नगर आयुक्त सह स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रबंध निदेशक संजय दुबे ने नाराजगी जताते हुए उसकी क्षमता पर सवाल खड़ा किया है। एजेंसी के विशेषज्ञों को अयोग्य करार देते हुए तत्काल बदलने का निर्देश दिया है। बदलाव नहीं लाने पर एजेंसी को कार्रवाई की चेतावनी दी है।

तकनीकी परीक्षण में खरा नहीं उतर रही डीपीआर

श्रेयी के निदेशक को लिखे गए पत्र में नगर आयुक्त ने कहा है कि एजेंसी द्वारा तैयार नौ डीपीआर तकनीकी परीक्षण के लिए दो माह पूर्व एमआइटी को भेजी गई थी। परीक्षण के दौरान एमआइटी ने उसमें कई तकनीकी त्रुटियों की जानकारी दी। एजेंसी को एमआइटी से संपर्क कर इन त्रुटियों को दूर करने को कहा गया था, लेकिन एजेंसी के विशेषज्ञों ने इसे नजरअंदाज किया। नगर आयुक्त ने एमआइटी व एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर त्रुटियों को दूर करने को कहा, बावजूद एजेंसी का सहयोग नहीं मिला।

तकनीकी त्रुटियों के कारण फंसीं योजनाएं

-अखाड़ाघाट से रेलवे स्टेशन तक पेरिफेरियल रोड का निर्माण : 14.86 करोड़।

-स्टेशन से लक्ष्मी चौक होते हुए बैरिया तक स्पाइनल सड़क निर्माण : 21.67 करोड़।

-सिकंदरपुर से लक्ष्मी चौक तक लेक रोड का विकास : 16.37 करोड़ रुपये।

-शहर में विभिन्न स्थानों पर वेंडिंग जोन का विकास : 1.56 करोड़।

-इंदिरा प्रियदर्शनी पार्क का विकास : 1.14 करोड़।

-खबड़ा चिल्ड्रेंस पार्क का विकास : 2.36 करोड़ रुपये।

स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजी गईं तीन योजनाएं

तकनीकी परीक्षण में सफल नौ में से तीन योजनाओं को नगर आयुक्त ने स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेज दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद इनके टेंडर की प्रक्रिया होगी।

सफल तीन योजनाएं :

-शहर में स्मार्ट सिटी मिनी बस एवं ई-रिक्शा स्टॉप का निर्माण : 12.29 करोड़।

-पर्यटन सूचना केंद्र का निर्माण : 1.51 करोड़।

-जुब्बा सहनी पार्क का विकास : 4.54 करोड़।


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