पश्चिम चंपारण में प्रशासन तैयार कर रहा बाढ़ पीडि़तों का डाटा बेस, लिंक होगा आधारकार्ड
बीडीओ प्रणव कुमार गिरि व सीओ राकेश कुमार ने बताया कि हर साल बरसात अवधि में सैकड़ों परिवार विस्थापित होते हैं। इन्हें प्रशासनिक स्तर पर राहत उपलब्ध कराया जाता। बरसात अवधि में सर्वेक्षण तथा सूची तैयार करने में काफी असुविधा होती है।
पश्चिम चंपारण, जासं। बाढ़ प्रभावित बगहा दो प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बीते वर्ष हुई क्षति को आधार बनाते हुए बाढ़ पीडि़तों का डाटा बेस तैयार किया जा रहा। इसके लिए गत वर्ष की पीडि़त सूची का सत्यापन कार्य कराया जा रहा। गुरुवार की सुबह बीडीओ-सीओ की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कर्मियों को यह जानकारी दी गई कि सत्यापन के दौरान सभी पीडि़तों का आधारकार्ड तथा मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से ले लें। जिससे कि सूची को अद्यतन कर विभाग को प्रेषित किया जा सके।
बीडीओ प्रणव कुमार गिरि व सीओ राकेश कुमार ने बताया कि हर साल बरसात अवधि में सैकड़ों परिवार विस्थापित होते हैं। इन्हें प्रशासनिक स्तर पर राहत उपलब्ध कराया जाता। बरसात अवधि में सर्वेक्षण तथा सूची तैयार करने में काफी असुविधा होती है। इसके साथ सूची में फर्जी लाभुकों का नाम भी शामिल होने की आशंका रहती है। इसे सिरे से समाप्त करने के लिए प्रशासन पूर्व से ही बाढ़ पीडि़तों का डाटा बेस तैयार कर रहा है। आधारकार्ड नंबर लेने से फर्जी लाभुकों का नाम स्वत: ही सूची से हट जाएगा। कर्मियों को आदेश दिया गया है कि वे त्रुटिहीन सूची तैयार कर 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराएं। मोबाइल नंबर भी अनिवार्य है। बता दें कि प्रखंड के दर्जन भर पंचायतों में गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियां हर साल तबाही मचाती हैं।
आधा दर्जन कर्मियों से जवाब-तलब :-
आपदा पूर्व की तैयारी बैठक में अनुपस्थित रहना प्रखंड के आधा दर्जन कर्मियों को भारी पड़ सकता है। गुरुवार को आहुत इस बैठक से करीब आधा दर्जन कर्मी बिना सूचना के गायब मिले। इन कर्मियों से अधिकारियों ने जवाब-तलब किया है। सीओ राकेश कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। यदि शुक्रवार तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आई तो कार्रवाई की अनुशंसा के साथ लापरवाह कर्मियों के विरूद्ध पत्राचार कर दिया जाएगा।