इस तरह भी की जा सकती देश सेवा, मुजफ्फरपुर के युवाओं में तेजी से बढ़ रहे नशे की लत को छुड़ाएंगे बुद्धिजीवी, करने जा रहे यह व्यवस्था
निगरानी टीम रखेगी नजर बैठक में लिए गए कठोर निर्णय। टीम में हर टोले के पांच लोगों को रखा गया है। नशीले पदार्थों की खरीद-बिक्री करने वालों पर भी निगरानी रखी जा रही है। अगर समय रहते नहीं सुधरे तो एक साल के लिए गांव छोडऩे का फरमान जारी होगा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। देश सेवा केवल सेना की नौकरी करना ही नहीं है। हम जो भी काम कर रहे, यदि उसे ईमानदारी से किया जाए तो वह देश की सेवा है। जैसा मुजफ्फरपुर जिले के इस शहर के लोग कर रहे। यहां के मीनापुर चौक के आस पास के इलाकों में युवा तेजी से नशे की गिरफ्त में आने लगे। इतना ही नहीं नशे की वजह से आए कोई न कोई परेशानी पैदा होने लगी। जिससे परिवार और समाज की मुश्किलें बढ़ने लगीं। इसके बाद यहां के बुद्धिजीवियों ने आगे आने फैसला किया।
गांव छोड़ने तक की हो सकती सजा
इनकी लत को छड़ाने के लिए बुद्धिजीवियों ने निगरानी टीम का गठन किया है। टीम में हर टोले के पांच लोगों को रखा गया है। गुरुवार को पुरैनिया में वार्ड सदस्य छोटू कुमार की अध्यक्षता में हुई बुद्धिजीवियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। वहीं, नशीले पदार्थों की खरीद-बिक्री करने व इसे संरक्षण देने वालों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पहले इसमें संलिप्त युवाओं की पहचान कर उसके माता- पिता व अभिभावक को इसकी सूचना दी जाएगी। फिर अगर समय रहते नहीं सुधरे तो एक साल के लिए गांव छोडऩे का फरमान जारी होगा। निगरानी टीम के गठन से नशेडिय़ों में हड़कंप मच गया है। वहीं, टोले बार बनी टीम ने शुक्रवार को कई अड्डों पर गश्त लगाई, लेकिन कोई नजर नहीं आया। युवाओं की टोली दिनभर अपने घरों में दुबकी रही।
लोग कर रहे सराहना
बताया गया कि थाना क्षेत्र के पुरैनिया, झिटकहिया, हरका, तुर्की, गंजबाजार, मीनापुर मानिकपुर सहित कई इलाकों में युवाओं की टोली नशीले पदार्थों के सेवन के लत में डूब गई है। एकांत जगहों की तलाश कर वहां अस्थाई अड्डा बनाते हैं, फिर अपनी टोली के साथ इसमें लिप्त हो जाते हैं। इससे सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे की नौबत उत्पन्न हो जाती है। थानाध्यक्ष अविनाश चंद्रा ने ग्रामीणों की इस पहल की सराहना की है।