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मुजफ्फरपुर में लेखापाल बहाली की मेधा सूची में टॉपरों के प्रमाण-पत्र फर्जी Muzaffarpur News

जिला पंचायती राज विभाग में हो रही बहाली दिए प्रमाण-पत्रों में अब तक 20 पाए गए फर्जी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से जारी थे बीकॉम व एमकॉम के प्रमाण-पत्र।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 09:58 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 09:58 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में लेखापाल बहाली की मेधा सूची में टॉपरों के प्रमाण-पत्र फर्जी Muzaffarpur News
मुजफ्फरपुर में लेखापाल बहाली की मेधा सूची में टॉपरों के प्रमाण-पत्र फर्जी Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर [प्रेम शंकर मिश्र]। जिला पंचायती राज विभाग में लेखापाल पद पर बहाली में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। बहाली के लिए जारी मेधा सूची में जो अभ्यर्थी टॉपर थे उनके ही प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं। इसकी पुष्टि होने के बाद सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

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लेखापाल के 96 पदों पर बहाली

जिले की पंचायतों के लिए 96 लेखापालों की बहाली की जानी थी। इसमें अंक के आधार पर मेधा सूची तैयार की गई। इस सूची में शामिल अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्रों की जांच संबंधित विवि व संस्थानों से कराई गई। इसमें बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी से जो रिपोर्ट आई वह सबसे अचंभित करने वाली थी। क्योंकि यहां की रिपोर्ट में 20 अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्र को फर्जी करार दिया गया। महत्वपूर्ण यह कि इन अभ्यर्थियों का नाम मेधा सूची में शीर्ष पर था। इस घटनाक्रम के कारण फिलहाल 49 लेखापालों की बहाली प्रक्रिया पूरी हो पाई है। शेष 47 की प्रक्रिया पूरी होनी है।

फर्जी प्रमाण-पत्र का रैकेट सक्रिय

लेखापाल समेत अन्य पदों के लिए आवेदन देने में एक ही विवि के इतने प्रमाण-पत्र के फर्जी पाए जाने से रैकेट के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि विवि में इन छात्रों का रिकार्ड नहीं होने की बात कही जा रही। जबकि फर्जी प्रमाण-पत्रों में अभ्यर्थियों के इतने अंक हैं कि वे सूची में टॉपर हो गए। अब प्रशासन इस रैकेट को पकडऩे की कोशिश करेगा। इसके लिए पहले इन अभ्यर्थियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।

अन्य जिलों में भी जांच की जरूरत

माना जा रहा कि इस तरह के फर्जी प्रमाण-पत्र अन्य जिलों में भी बहाली में दिए गए हों। इसे देखते हुए वहां भी अलर्ट रहने की जरूरत है।

इनके प्रमाण-पत्र को विवि ने फर्जी बताया

आशुतोष कुमार, प्रभात कुमार राय, उदय प्रताप सिंह, राजीव राम, नंदन कुमार सिंह, राजीव कुमार सिंह, चंदन कुमार, शैलेंद्र कुमार सिंह, रंजीत कुमार राम, रविंद्र कुमार, अनिता कुमारी, शशि कुमार, मो. सद्दाम आलम, सत्यदेव दास, अजीत कुमार, नीलम कुमारी, दिलीप कुमार, सोनू यादव, दिलीप कुमार व आनंद कुमार। सभी ने बीकॉम व एमकॉम के प्रमाण-पत्र जमा किए थे।

इस बारे में जिला पंचायती राज पदाधिकारी फैयाज अख्तर ने कहा कि अभी और प्रमाण-पत्रों की जांच कराई जा रही है। जिन अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए हैं उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।


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