Move to Jagran APP

समस्तीपुर में उप प्रमुख के पत्र में 'आदेश' शब्द से भड़के बीडीओ, फ‍िर जो हुआ जानकर हैरान रह जाएंगे

Samastipur news जवाबी पत्र लिखकर अनावश्यक पत्राचार से परहेज करने की दी नसीहत। पत्र में कहा बीडीओ होते हैं प्रमुख के पदाधिकारी उप प्रमुख के नहीं। पंचायती राज के अधिनियमों का दिया हवाला। उप प्रमुख को मिली अनावश्यक पत्राचार से बचने की सलाह।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 02:52 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 02:52 PM (IST)
समस्तीपुर में उप प्रमुख के पत्र में 'आदेश' शब्द से भड़के बीडीओ, फ‍िर जो हुआ जानकर हैरान रह जाएंगे
बीडीओ ने अधिनियमों का हवाला दे उप प्रमुख पर लगाया आरोप।

समस्तीपुर, जासं। विभूतिपुर प्रखंड के उप प्रमुख सुजीत कुमार चौधरी और कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी धीरज कुमार के बीच पत्राचार व नसीहत के चल रहे दौर संबंधी बातों का पोल एक पत्र ने खोल दिया है। यह प्रखंड पंचायत समिति की स्थाई सामाजिक न्याय समिति की बैठक से संबंधित होना बताया गया है। अब, जब कार्यपालक पदाधिकारी ने प्रखंड कार्यालय से पत्र जारी किया है तो उमस भरी गर्मी के साथ चर्चाओं का बाजार भी गरम है। यूं कहें कि उप प्रमुख के पत्र में 'आदेश' शब्द को देखकर भड़के बीडीओ ने जवाबी पत्र लिखकर अनावश्यक पत्राचार से परहेज करने की नसीहत उप प्रमुख को दे डाली है। इस पत्र में बीडीओ ने पंचायती राज के अधिनियमों का हवाला भी दिया है। कहा है कि प्रायः ऐसा देखा जा रहा है कि इनके द्वारा पत्र में अधोहस्ताक्षरी को आदेश शब्द का प्रयोग हो रहा है।

loksabha election banner

उप प्रमुख को अनावश्यक पत्राचार से बचने की सलाह

पंचायती राज अधिनियम 2006 के कंडिका 52(3) में स्पष्ट है कि प्रत्येक पंचायत समिति को यह अधिकार होगा कि वह समिति के कार्य से संबंध पंचायत समिति के किसी पदाधिकारी को अपनी बैठक में उपस्थित होने की अपेक्षा करें। समिति के अनुदेशों के अधीन सचिव सूचना निर्धारित करेगा और पदाधिकारी उपस्थिति सुनिश्चित करेगा। कार्यपालक पदाधिकारी पर नियंत्रण पंचायत समिति प्रमुख का होता है। साथ ही पंचायती राज अधिनियम 2006 के कंडिका 42 के खंड (ख) में भी दिया गया है कि पंचायत समिति या स्थाई समितियों के वैसे संकल्पों का निर्णयों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य कार्यपालक पदाधिकारी पर पर्यवेक्षण और नियंत्रण रखेगा। जो इस अध्यादेश के उपबंध अथवा इस अध्यादेश के अधीन निर्गत सामान्य या विशेष निर्देशों के असंगत ना हो। इस प्रकार किसी भी तरह का अनुदेशों के अधीन सचिव के स्तर से सूचना निर्गत की जाए। उप प्रमुख को अनावश्यक पत्राचार से बचने की सलाह दी है।

बीडीओ ने षष्ठम राज्य वित्त आयोग की राशि को लेकर चेताया

विभूतिपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी धीरज कुमार ने कार्यालय से पत्र जारी कर सभी पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव और लेखापाल सह आईटी सहायक को षष्ठम राज्य वित्त आयोग की राशि को लेकर चेताया है। कहा है कि विभाग द्वारा षष्ठम राज्य वित्त आयोग की प्रथम एवं द्वितीय किस्त की राशि पंचायतों के खाते में हस्तांतरित की जा चुकी है। इस राशि को नियमानुसार व्यय किया जाना है। तदोपरांत अंकेक्षण भी कराया जाना है। अंकेक्षण के दौरान अंकेक्षकों द्वारा कई प्रकार की आपत्तियां व्यक्त की जाती है। ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि बिना किसी सूचना के षष्ठम राज्य वित्त आयोग की राशि चेक के माध्यम से निकासी की गई है।

इस समस्या को ध्यान में रखते हुए राशि भुगतान करने के क्रम में संबंधित लेखापाल सह आईटी सहायक द्वारा अभिलेख का संधारण नियमानुसार कराते हुए सत्यापित करा लेंगे। साथ ही संबंधित लेखापाल सह आईटी सहायक का यह दायित्व होगा कि भुगतान करने के क्रम में अभिलेख का निरीक्षण करते हुए विभिन्न कटौतियां जैसे जीएसटी, टीडीएस, रॉयल्टी, मालिकाना फीस, लेबर सेस आदि का नियमानुसार कटौती की गई है। यह स्पष्ट हो लें कि कोई भी भुगतान नियमानुसार हो। किसी तरह की वित्तीय अनियमितता या त्रुटि होने पर इसकी पूरी जवाबदेही संबंधित पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव व लेखापाल सह आईटी सहायक की होगी। बीडीओ ने उक्त निर्देशों का अक्षरश: पालन सुनिश्चित करने को कहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.