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रबी की बोआई में दुकानदार वसूल रहे खाद की मनमानी कीमत

खाद की बढ़ी मांग, कालाबाजारी शुरू। पॉश मशीन का भी नहीं कर रहे उपयोग, बिना रसीद के खाद की हो रही बिक्री।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 11:12 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 09:07 AM (IST)
रबी की बोआई में दुकानदार वसूल रहे खाद की मनमानी कीमत
रबी की बोआई में दुकानदार वसूल रहे खाद की मनमानी कीमत

मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। जिले में खाद की विभिन्न किस्मों की भरपूर मात्रा उपलब्ध है। इसके बावजूद खाद की कालाबाजारी हो रही है। पॉश मशीन का उपयोग दुकानदार नहीं कर रहे हैं। जदयू किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने इस संबंध में डीएओ डॉ. केके वर्मा से शिकायत की है। उन्होंने इस मामले की जांच कराए जाने की मांग उठाई है। रबी फसल की तैयारी चल रही है। गेहूं, चना व आलू की बोआई होने वाली है। इसको लेकर खेत को तैयार किया जा रहा है।

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 इस दौरान बोआई के पूर्व खेत को उर्वरा बनाने के लिए खाद डाली जा रही है। लेकिन, इसकी बिक्री में दुकानदार फर्जीवाड़ा करते हैं। मजे की बात यह है कि दो माह पूर्व विक्रेताओं ने निर्धारित मूल्य पर खाद बिक्री करने में घाटा होने की शिकायत कृषि विभाग से लेकर डीएम तक की थी। लेकिन, कृषि विभाग ने निर्धारित मूल्य पर ही खाद बिक्री का सख्त निर्देश दिया था। इस दौरान कुछ रिटेल दुकानों में औचक निरीक्षण भी हुआ था।

पॉश मशीन का भी नहीं कर रहे उपयोग

मड़वन के किसान धनंजय शर्मा ने कहा कि पॉश मशीन से अंगूठा लगाकर खाद नहीं दी जा रही है। जबकि, सरकार ने इसे अनिवार्य किया है। सकरा के साधु कुशवाहा ने कहा कि दुकानदार का कहना है कि निर्धारित दाम पर खाद देने में घाटा होगा। इसलिए प्रति बोरी दाम अधिक लेंगे। गायघाट के रंजीत कुमार का कहना है कि दुकानदार रसीद भी नहीं दे रहे हैं और न ही बायोमीट्रिक सिस्टम का उपयोग करते हैं। अब जरूरत है तो कालाबाजारी से खरीदना पड़ रहा है।

50 किलो की प्रति बोरी

खाद का नाम कीमत मनमाना दाम

पोटाश - 700 रुपये - 950 रुपये

मिक्चर - 1175 रुपये - 1300 रुपये

डीएपी -1325 रुपये -1450 रुपये  


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