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एसकेएमसीएच में एक ही एंबुलेंस से मरीजों को होती परेशानी, जच्चा-बच्चा को घर छोडऩे की सुविधा बंद

रेफर मरीजों को निजी एंबुलेंस की व्यवस्था कर जाना पड़ रहा पटना। एसकेएमसीएच में 102 की सुविधा वाली मात्र एक एंबुलेंस एवं एक ही शव वाहन उपलब्ध है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 10:18 AM (IST)
एसकेएमसीएच में एक ही एंबुलेंस से मरीजों को होती परेशानी, जच्चा-बच्चा को घर छोडऩे की सुविधा बंद
एसकेएमसीएच में एक ही एंबुलेंस से मरीजों को होती परेशानी, जच्चा-बच्चा को घर छोडऩे की सुविधा बंद

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच में इन दिनों एंबुलेंस सेवा बदहाल है। इससे रेफर होने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं प्रसव उपरांत जच्चा-बच्चा को घर छोडऩे की सुविधा भी बंद पड़ी है। एसकेएमसीएच से पटना रेफर गंभीर मरीजों में एक को पहुंचाकर आने के उपरांत ही दूसरे मरीज को ले जा पाने की व्यवस्था संभव होने की बात हेल्थ मैनेजर ने बताई। इस पर इंतजार कर रहे मरीज के स्वजन आक्रोशित हो हंगामा करने लगे। आक्रोशित स्वजनों को किसी तरह समझा-बुझा कर शांत कराया गया। हालांकि इसके बाद भी वे अपने मरीज को निजी एंबुलेंस से जाने को मजबूर हुए। जबकि परिजन के पास लाल कार्ड उपलब्ध था।

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मालूम हो कि इन दिनों एसकेएमसीएच में 102 की सुविधा वाली मात्र एक एंबुलेंस एवं एक ही शव वाहन उपलब्ध है। इस कारण भारी कठिनाई आ रही है।

इस बारे में एसकेएमसीएच के हेल्थ मैनेजर मो. सोहैल अख्तर ने कहा क‍ि मृतक के स्वजनों को शव पहुंचाने के लिए निशुल्क वाहन उपलब्ध कराया जाता है। रेफर मरीजों के लिए मात्र एक एंबुलेंस होने के कारण परेशानी हो रही है। जबकि प्रसूता को घर तक छोडऩे के लिए उपलब्ध एम्बुलेंस पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराया गया था। इसे यहां से वापस ले लिया गया है।

ठंड में भी सूखे रहते मरीजों के कंठ

एसकेएमसीएच में पेयजल की समस्या लंबे समय से गहराई हुई है। समुचित व्यवस्था नहीं होने से मरीजों व उनके स्वजनों को पानी के लिए यत्र-तत्र भटकना पड़ता है। गर्मी में तो हाल बेहाल रहता ही है, इस कड़ाके की ठंड में भी मरीजों के कंठ सूखे ही रहते हैं। यहां तक कि उन्हें पानी खरीद कर पीने की नौबत भी आती है। वहीं वार्डों में पानी की आपूर्ति बाधित होने से शौचालय जाम रहने की बड़ी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।

   इधर, पानी और अस्पताल की अन्य समस्याओं से त्रस्त मरीज व उनके स्वजन रविवार को आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे। इनका आरोप था कि दोपहर बाद यहां चिकित्सक की बात तो दूर कोई कर्मी भी खोजने पर नहीं मिलते हैं। वार्डों में पानी की आपूर्ति नहीं होने से बड़ी कठिनाई है। शौचालय की समुचित सफाई नहीं होने के कारण निकल रही बदबू से वहां रहना मुश्किल हो रहा है। आक्रोशित मरीजों और उनके स्वजनों ने हेल्थ मैनेजर से इसकी शिकायत की। हेल्थ मैनेजर ने सभी को पानी की समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन देते शांत कराया।  


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