कोरोना के लक्षण वाले मरीज की नहीं हुई जांच, मौत के बाद शव के साथ स्वजन बैठै धरना पर Sitamarhi News
सदर अस्पताल में मरीज की नहीं हो सकी कोरोना जांच। शव के साथ स्वजन समाहरणालय के सामने धरना पर बैठे। जिला प्रशासन ने कोरोना से मौत की बात को अफवाह बताया।
सीतामढ़ी, जेएनएन। कोरोना के लक्षण वाले एक बीमार युवक की शनिवार को मौत हो गई। इससे आक्रोशित स्वजन शव को एंबुलेंस पर लादकर समाहरणालय पहुंचे और धरना पर बैठ गए। वे सदर अस्पताल के चिकित्सक की कोविड-19 की जांच वाली पर्ची दिखा रहे थे। कहा कि जांच के अभाव में तड़पकर मौत हो गई। सूचना पर डुमरा थानाध्यक्ष नवलेश यादव पहुंचे और वहां से हटने को कहा। नहीं माने तो सदर एसडीओ कुमार गौरव से बात कराई। एसडीओ ने कहा कि दाह-संस्कार करें। मृत युवक के बच्चे के लिए कुछ न कुछ करेंगे।
कई दिनों से था बीमार
डुमरा प्रखंड के मेहसौल गोट वार्ड दो के बसवरिया चौक निवासी राजकुमार साह (31) कई दिनों बीमार था। बुखार, सर्दी-खांसी और सांस लेने में तकलीफ थी। स्वजन ने कहा कि एक निजी अस्पताल में इलाज कराने गए। लक्षण देखकर सदर अस्पताल जाने की सलाह दी। सदर अस्पताल जाने पर पर्ची कटाकर डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने पर्ची पर कोविड-19 जांच के लिए लिखा। लेकिन, कहा गया कि वरीय अधिकारियों की अनुमति मिलने पर ही जांच होगी। इसके बाद बाहर से दवा खरीदकर खाई। बुखार और सर्दी ठीक हो गई। लेकिन, खांसी जारी रही। शुक्रवार रात खांसी तेज हो गई। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सदर अस्पताल ले गए तो मृत घोषित कर दिया गया।
जांच वाली पर्ची दिखाई
युवक के पिता दुखा साह ने सदर अस्पताल में बेटे के इलाज की पर्ची दिखाई। इसपर राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार लिखा था। मरीज की पंजीकरण संख्या 60820ए23119 व टोकन नंबर 23 है। 17 जुलाई को उसे सदर अस्पताल में देखा गया था। पर्ची पर डॉ. रितेश कुमार तरुण का नाम है। डॉ. रितेश तरुण ने इलाज करने व अपने नाम वाली पर्ची की बात तो स्वीकारी, लेकिन कहा कि पर्ची मैंने कुछ नहीं लिखा।
कोरोना से मौत नहीं
डीपीआरओ परिमल कुमार ने कोरोना से मौत को अफवाह करार दिया। कहा कि स्वजन मौत के बाद शव लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे। जब जांच नहीं हुई तो कोरोना से मौत की बात कैसे कही जा सकती है?