सात दिनों में होगा दाखिल खारिज व नक्शे के लंबित आवेदनों का निष्पादन
दाखिल खारिज एवं नक्शा स्वीकृति के लंबित आवेदनों का नगर निगम सात दिनों के अंदर निष्पादन करेगा। यहां किसी भी कार्य को लंबित नहीं रखा जाएगा। स्वीकृति या अस्वीकृति का काम भी एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा।
मुजफ्फरपुर । दाखिल खारिज एवं नक्शा स्वीकृति के लंबित आवेदनों का नगर निगम सात दिनों के अंदर निष्पादन करेगा। यहां किसी भी कार्य को लंबित नहीं रखा जाएगा। स्वीकृति या अस्वीकृति का काम भी एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा। नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने शनिवार को निगम कार्यालय में आयोजित महापौर के जनता दरबार में लोगों की शिकायतें सुनने के बाद कर्मियों को यह निर्देश दिया।
महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि जनता दरबार में जो भी समस्याएं आई हैं, उनका समाधान कर संबंधित शिकायतकर्ता को सूचित किया जाएगा। शिकायत लेकर आनेवालों में दाखिल खारिज, नक्शा स्वीकृति व कबीर अंत्येष्टि की सहायता राशि भुगतान नहीं होने का मामला शामिल था। जनता दरबार में महापौर व नगर आयुक्त के अलावा उपनगर आयुक्त हीरा कुमारी, राकेश कुमार एवं रंधीर लाल मौजूद रहे।
कबीर अंत्येष्टि के कई मामलों में भुगतान लंबित : बड़ी करबला निवासी मो. तौफिक की मां का निधन दो साल पहले हो गया था। उनको कबीर अंत्येष्टि की सहायता राशि मिलनी थी, लेकिन आज तक नहीं मिली। राजू कुमार रंजन भी कबीर अंत्येष्टि राशि के भुगतान नहीं होने की शिकायत लेकर पहुंचे थे। महापौर ने एक सप्ताह के अंदर उनकी समस्या दूर करने को कहा। ब्रह्मापुरा निवासी ओम प्रकाश की शिकायत थी कि 10 माह पूर्व दाखिल खारिज के लिए आवेदन दिया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसी ही शिकायत कन्हौली निवासी अंजनी कुमार ने भी की।
दुकान खाली नहीं कराने की युवती ने की अपील : जनता दरबार में इमलीचट्टी निवासी श्वेता कुमारी ने महापौर से निगम परिसर में बने नाश्ते का स्टाल खाली नहीं कराने की गुहार लगाई। कहा कि उसके माता-पिता नहीं हैं। उसकी शादी के लिए पिता ने डेढ़ लाख रुपये रखे थे। उसी को सुरक्षित राशि के रूप में जमा कर निगम का स्टॉल किराये पर लिया था। उसी से उसका भरण-पोषण होता था, लेकिन दुकान को खाली करा दिया गया।
निगम उपलब्ध कराए वैकल्पिक स्थान : डाक बंगला रोड के फूल व्यवसायी नरेश महतो व स्टेशन रोड में नाश्ते की दुकान चलाने वाली गुंजा देवी की दुकान को सड़क से हटा दिया गया है। जनता दरबार में उपस्थित होकर उन्होंने वैकल्पिक स्थान की मांग की।