मुजफ्फरपुर में कागज पर ही दिख रहा प्रतिबंध, दुकानों में खुलेआम बिक रहे सिंगल यूज प्लास्टिक
शहर में नहीं दिख रहा प्रतिबंध का असर पहली जुलाई को सरकार ने लगाया था उपयोग बिक्री एवं उत्पादन पर प्रतिबंध। कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहा छापेमारी को गठित निगम का सिटी स्क्वाड टीम दो-चार दुकानों तक सीमित कार्रवाई।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्मोकोल पर सरकार द्वारा लगाए गया प्रतिबंध कागज पर है। शहर से गांव तक प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्मोकोल खुलेआम बाजार में बिक रहे है। वहीं होटलों, समारोहों एवं खान-पान की दुकानों पर बिना किसी रोक-टोक के प्लास्टिक एवं थर्मोकोल से बने प्लेट, कप, ग्लास, चम्मच समेत अन्य सामग्रियों का उपयोग हो रहा है।
इस साल पहली जुलाई को प्रतिबंध लगने के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने नगर प्रबंधक के नेतृत्व में सिटी स्क्वाड टीम का गठन किया गया जिसमें निगम के एक दर्जन प्रभारियों को रखा गया था। टीम द्वारा जुलाई के प्रथम सप्ताह में अभियान चलाकर तीन लाख रुपये जुर्माना के रूप में वसूल किया और पचास किग्रा प्लास्टिक सामग्री जब्त किया। इस बीच नगर आयुक्त के पद से विवेक रंजन मैत्रेय का तबादला हो गया और उसके बाद सिटी स्क्वाड टीम कार्यालय में आराम फरमा रही है। सवाल उठने पर एक या दो दिन अभियान चलाकर खानापूर्ति कर रही है। इस साल अगस्त में श्रावणी मेला को प्लास्टिक मुक्त करने की घोषणा की गई थी लेकिन वह घोषणा ही रह गई। टीम ने इसपर कोई काम नहीं किया।
अगस्त में ही प्रशासन द्वारा दो दर्जन टीम बनाकर एक साथ शहर में छापेमारी की गई है लेकिन यह छापेमारी महज खानापूर्ति साबित हई। निगम की टीम द्वारा भी सिर्फ छोटे-मोटे दुकानों पर छापेमारी की गई। होटल, रेस्तरां एवं विवाह भवनों में आयोजित समारोहों को नजर अंदाज किया। परिणाम यह निकाल की वहां खुलेआम प्रतिबंधित प्लास्टिक सामानों का प्रयोग होते रहा। वर्तमान में न निगम प्रशासन द्वारा और न ही जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री का उपयोग रोकने के लिए कोई कार्रवाई की जा रही है। इसको लेकर अधिकारी भी उदासीन बने हुए है।
नगर प्रबंधक विष्णु प्रभाकर लाल ने कहा कि सिटी स्क्वाड टीम द्वारा अभियान चलाकर प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री को जब्त किया जा रहा है। जुर्माना भी लगाया जा रहा है। आगे अभियान को और तेज किया जाएगा।