मुजफ्फरपुर में छात्रों ने आइटीआइ कॉलेज प्रबंधन पर सेंटर मैनेज करवाने के लिए आठ हजार वसूलने का लगाया आरोप
छात्रों ने प्रबंधन पर लगाया मनमाना फीस वसूलने का आरोप। नामांकन के दौरान विभिन्न प्रलोभन देने की शिकायत सेंटर मैनेज के नाम पर वसूले आठ हजार। संस्थान के निदेशक मनोज कुमार कुशवाहा ने कहा कि हमने कोर्स फीस जमा करने का पूरा वक्त दिया। लेकिन छात्र लोग टालमटोल करते रहे।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सकरा थाना अंतर्गत भेरगरहा चौक के समीप स्थित सम्राट अशोक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सरमस्तपुर में परीक्षा के प्रथम दिन सोमवार को प्रथम पाली की परीक्षा से वंचित छात्रों ने हंगामा किया। उन्होंने प्रबंधन पर मनमानी करने, लॉकडाउन में भी पूरा फी वसूलने आदि का आरोप लगाया। छात्रों ने प्रबंधक पर आरोप लगायाा कि उनके द्वारा नामांकन के समय तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं, परंतु जब परीक्षा नजदीक आती है तो विभिन्न तरह के शुल्क जोड़कर अवैध वसूली की जाती है।
पुलिस ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया
छात्रों ने कहा कि प्रबंधक द्वारा सेंटर मैनेज के नाम पर प्रत्येक छात्र से आठ-आठ हजार रुपये वसूले गए। बावजूद छात्रों को परीक्षा में फेल कर दिया जाता है! सनद रहे कि परीक्षा सुबह में 10 बजे से आयोजित थी। करीब 12 बजे तक उक्त केंद्र पर मजिस्ट्रेट एवं सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई थी। जबकि प्रबंधक का यह कहना था कि इसकी सूचना वरीय अधिकारियों द्वारा दी गई है। हंगामे के बाद मौके पर पहुंची सकरा पुलिस ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया। बताया गया कि मामूली फीस बकाया रहने के कारण छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने से प्रबंधन द्वारा रोक दिया गया। सत्र 2018-20 के चंपापुर के छात्र सतपाल कुमार सिंह, चकरावे मनिहारी के कृष्ण कुमार, अग्रैल के रोहित कुमार, सकरा वाजिद के मो. रिजवान, सूरज कुमार आदि ने बताया कि 43 हजार रुपये में कोर्स तय हुआ था।
पूरी फीस जमा करने का दबाव
लॉकडाउन में नियमित क्लास भी नहीं चली, फिर भी पूरी फीस जमा करने का दबाव बनाया गया। कुल फी का 25 हजार रुपयेे जमा कर दिए थे। 10 हजार तत्काल जमा कर लेने का हमलोग आग्रह किए थे। शेष बाद में देने की बात कहे थे। बावजूद हमलोगों को फॉर्म नहीं भरने दिया गया। संस्थान के निदेशक मनोज कुमार कुशवाहा ने कहा कि हमने कोर्स फीस जमा करने का पूरा वक्त दिया। लेकिन, छात्र लोग टालमटोल करते रहे। हमें नहीं लगा कि ये लोग फी जमा कर पाएंगे। इसलिए ये लोग परीक्षा फार्म नहीं भर पाए। छात्रों के आरोप बेबुनियाद हैं। एसआइ सत्येंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि हंगामे की सूचना दोनों तरफ से मिली थी। छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया है। साथ ही प्रबंधन को भी कहा गया है कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए इन्हें अगली परीक्षा में विधि सम्मत शामिल कर लिया जाए।