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दरभंगा में वार्ड एक के लोगों ने जल-जमाव को बनाया हथियार, शहरी जमीन पर कर रहे सिंघाड़े की खेती

Darbhanga News वार्ड एक में जलजमाव और सड़कें खस्ताहाल शहर के वार्ड संख्या -एक में जलजमाव वाली जगहों पर सिंघाड़ा की खेती लोगों ने कहा- गंदगी के बीच टूटी सड़क जाम नाला व जलजमाव के निदान की दिशा में नगर निगम की कोशिशें अधूरी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 05:43 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 05:44 AM (IST)
दरभंगा में वार्ड एक के लोगों ने जल-जमाव को बनाया हथियार, शहरी जमीन पर कर रहे सिंघाड़े की खेती
जलजमाव के कारण शहर के वार्ड संख्या-एक का एक बड़ा भूखंड जल-जमाव क्षेत्र हो गया। जागरण

दरभंगा, जासं। यहां आने के साथ कृषि व अन्य उद्योगों की अपार संभावनाएं साफ दिखती हैं। इलाके में जलजमाव के कारण शहर के वार्ड संख्या-एक का एक बड़ा भूखंड जल-जमाव क्षेत्र हो गया है। इससे होनेवाली परेशानियों के बीच भी स्थानीय लोगों ने तरक्की की राह निकाली है। मोहल्ले के जिस भूखंड पर जलजमाव होता है, वहां लोग सिंघाड़ा की खेती करते हैं। सिंघाड़ा की खेती में लगे रामदेव सहनी की मानें तो करीब एक एकड़ में सिंघाड़ा की खेती कर साल भर में पचास हजार तक की कमाई हो जाती है।

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शहर के वार्ड संख्या-एक के इस इलाके में उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। जलजमाव की समस्या को अलीगनगर के कुछ इलाकों में काफी हद तक लोगों ने ङ्क्षसघाड़ा की खेती कर उसे हथियार बना लिया। लेकिन, यहां की खस्ताहाल सड़कें दर्द देती हैं। नाला का निर्माण नहीं होने के कारण जल निकासी नहीं हो पाती। 15 हजार की आबादी वाले वार्ड के अधिकांश मोहल्ले पानी में डूबे रहते हैं। ऊपर से सफाई व्यवस्था धराशाई हो चुकी है। नतीजतन अधिकांश स्थान कचरा डंमङ्क्षपग प्वाइंट के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं।

समाप्त हो गया चरखा उद्योग

स्थानीय लोग बताते हैं कि इस वार्ड में प्रसिद्ध चरखा उद्योग किसी जमाने में संचालित होता था। इसमें हैंडलूम साड़ी की छपाई कढ़ाई होती थी। परंतु, समय के साथ विभागीय संवेदनशीलता समाप्त हो गई। ढाई दशक पहले उद्योग बंद हो गया। दर्जनों लोगों के हाथ से रोजगार छीन गया।

नाले पर बन गए पक्के मकान

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-57 से जुड़े इस वार्ड की जमीन काफी कीमती है। सो, लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कई स्थानों पर नाला निर्माण के बदले नाले पर पक्के मकान का निर्माण कार्य कर लिया। इस कारण पूर्व से स्थापित नाले जाम हो गए। नए का निर्माण नहीं हो सका। नतीजा, अधिकांश जगहों पर जल-जमाव की स्थिति कायम है।

चापाकल व स्ट्रीय लाइट का बुरा हाल

यहां के लोगों को नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण सरकारी चापाकल का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा। अधिकांश चापाकल मरम्मत के कारण ठप पड़े हैं। सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइटों में से अधिकांश अपनी मर्जी से जलते हैं। कई स्थानों में दिन में भी स्विच के अभाव में बल्ब दिनभर जलता रहता है।

बाजार समिति का बुरा हाल, आती रहती बदबू

स्थानीय लोग बताते हैं- हमारे लिए यह गर्व की बात है कि यहां शिवधारा बाजार समिति भी है। जिले के प्रमुख कारोबारी यहां आते-जाते हैं। आम आदमी और किसान भी यहां आते हैं। मोहल्ले के मो. इकबाल अंसारी समेत दर्जनों लोग बताते हैं- वार्ड में जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकांश जगहों पर पानी लगा है। जनवितरण प्रणाली की व्यवस्था भी सही नहीं है। वार्ड पार्षद नैयर खातून द्वारा हर वार्ड में साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है। पर, जबतक निगम प्रशासन सक्रिय नहीं होगा समस्या नहीं जाएगी। उद्योग की राह पर उड़ान भरने के सपनों पर अव्यवस्था दाग जैसी चिपक जाएगी।

- जबसे मैं पार्षद हूं तब से 99 फीसद लोगों को वृद्धा पेंशन, आवास योजना, बिजली लाइट व पोल की व्यवस्था की है। कई इलाकों में सड़कों की मरम्मत के साथ-साथ आरसीसी ढलाई, मिट्टीकरण व ईंट सोङ्क्षलग के अलावा पोखर उड़ाही का काम किया गया है। - नैयर खातून नगर पार्षद, वार्ड संख्या-एक

--मैंने अपने कार्यकाल में नगर निगम से 14 योजनाएं पास कराईं, लेकिन एक भी योजना को पूरा नही किया गया। वार्ड नंबर एक में चापाकल महीनों से $खराब पडा है। इसके लिए नगर आयुक्त और मेयर को आवेदन दिया। आवेदन देने के बाद भी इसपर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। - नाहिद प्रवीण पूर्व नगर पार्षद, वार्ड संख्या एक

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वार्ड एक नजर में

कुल आबादी-15000

कुल मोहल्ले-13

प्राथमिक स्कूल-01

मध्य विद्यालय-01

स्वास्थ्य केंद्र-एक भी नहीं।


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