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मधुबनी जिले में मत्स्य पालन की असीम संभावनाएं, सरकारी तालाबों की होगी बंदोबस्ती

मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर मछुआरों की बढ़ाई जाएगी आय। मत्स्य की मांग को पूरा करने में जिले को बनाया जाएगा आत्मनिर्भर। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समिति की बैठक में डीएम ने दिए कई निर्देश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 10:43 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 10:43 AM (IST)
मधुबनी जिले में मत्स्य पालन की असीम संभावनाएं, सरकारी तालाबों की होगी बंदोबस्ती
सरकारी तालाबों से हटाया जाएगा अतिक्रमण, प्रशासन‍िक स्‍तर से तैयारी शुरू।

मधुबनी, जासं। जिला पदाधिकारी अमित कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित डीएम कार्यालय प्रकोष्ठ में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई। इस बैठक में उक्त योजना के कुल 22 अवयवों के तहत प्राप्त कुल 280 आवेदनों की प्राथमिकता सूची उपस्थापित की गई। इस बैठक में डीएम ने कहा कि मधुबनी जिला तालाबों के लिए विख्यात है। यदि इस जिले में मत्स्य पालन की संभावनाओं का सही से इस्तेमाल किया जाए तो जिले के मछुआरों की आमदनी तो बढ़ेगी ही, मछली के बढ़ते मांग को भी पूरा किया जा सकेगा। डीएम ने कहा कि जिले के जिस किसी भी तालाब की बंदोबस्ती नहीं हुई है, उसकी बंदोबस्ती शीघ्र किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी तालाब पर अतिक्रमण या अवैध कब्जा है, तो इसे अविलंब मुक्त कराया जाए। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन के भविष्य की योजनाओं में जीविका की भूमिका भी तय की जाएगी। जिससे जिले को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जाए।

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व्यापक प्रचार -प्रसार पर भी बल

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना केंद्र द्वारा संचालित योजना है। जिसके तहत मात्स्यिकी क्षेत्र में संभावनाओं को विकसित करने के लिए बिहार के सभी जिलों में उनके लक्ष्य निर्धारित करते हुए, इसे संपादित किए जाने का प्रावधान है। चूंकि मधुबनी में मात्स्यिकी की अपार संभावनाएं हैं, ऐसे में हमें बेहतर प्रयास करना है। उन्होंने इस योजना के व्यापक प्रचार -प्रसार पर भी बल दिया, ताकि अधिक से अधिक लोगों में से ऊर्जावान और सार्थक प्रयास करने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जा सके।

मात्स्यिकी विकास की योजना

उक्त योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के विभिन्न अवयवों जैसे मत्स्य बीज हैचरी, नया तालाब निर्माण, रेयरिंग तालाब निर्माण, सूक्ष्म बेयोफ्लॉक का निर्माण, फिश फीड मिल, मत्स्य विपणन व परिवहन की सुविधा विकसित करने के लिए साइकिल सह आइस बॉक्स, बाइक सह आइस बॉक्स, तीन पहिया वाहन आइस बॉक्स सहित, रेफ्रिजरेटेड वाहन, इंसुलेटेड वाहन आदि के तहत मात्स्यिकी विकास की योजना शामिल है। बैठक में डीडीसी विशाल राज, जिला मात्स्य पदाधिकारी विनय कुमार भी मौजूद थे। 


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