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Samastipur News: नए साल में निरक्षर व्यस्क भी जोड़, घटाव, गुणा और भाग सीखने के साथ पढ़ेंगे अखबार

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जिले में पढ़ना लिखना अभियान चलाया जाएगा। प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत जिले में पढ़ना लिखना अभियान की शुरूआत हो रही है। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 01:40 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 05:16 PM (IST)
Samastipur News: नए साल में निरक्षर व्यस्क भी जोड़, घटाव, गुणा और भाग सीखने के साथ पढ़ेंगे अखबार
समस्‍तीपुर में नए साल में निरक्षर व्यस्क अब बनेंगे साक्षर

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जिले में पढ़ना लिखना अभियान चलाया जाएगा। प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के तहत जिले में पढ़ना लिखना अभियान की शुरूआत हो रही है। यह वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। 2025 तक सभी असाक्षर व्यस्कों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। असाक्षर व्यवस्कों को बुनियादी शिक्षा यानी समाचार पत्र का शीर्षक पढ़ लेने, यातायात चिह्न समझ लेने, आवेदन पत्र भरने में कुशलता प्राप्त करने, चिट्ठी लिखने पढ़ने की जानकारी हासिल करने के साथ ही जोड़, घटाव, गुणा और भाग आदि का ज्ञान दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्यक्रम शुरू कराने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को असाक्षरों का सर्वे कराने को कहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्ययोजना तैयार करने में जुट गए हैं। लिखना अभियान नए वर्ष में शुरू हो जाएगा।

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15 वर्ष से अधिक उम्र के कर सकेंगे पढ़ाई

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति के तहत प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के रूप में पढ़ना-लिखना अभियान की शुरूआत की जा रही है। इस अभियान के तहत 15 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग पढ़ाई कर साक्षर हो सकेंगे। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अल्पसंख्यक, महिलाएं व वंचित कमजोर तबके के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।

अभियान की सफलता के लिए होगा प्रचार-प्रसार

पढ़ना लिखना अभियान की सफलता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। अभियान से समाज के सभी तबकों को जोड़ा जाएगा। समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, स्थानीय लोक कलाकारों के माध्यम से अनुकूल माहौल बनाया जाएगा। कला जत्था, नुक्कड़ नाटक, रैली, प्रभात फेरी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। गांव, पंचायत, प्रखंड और शहर में गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। अभियान में पंचायती राज संस्थान, महिला मंडल, शैक्षणिक संस्थान, स्वयंसेवी संगठनों को शामिल किया जाएगा।

एक वर्ष में तीन सत्र का होगा आयोजन 

अध्ययन केंद्र का संचालन सरकारी भवन, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन, पुस्तकालय, शिक्षण अवधि के बाद विद्यालय भवन आदि में किया जाएगा। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (एनआइओएस) साक्षरता मूल्यांकन के लिए साल में तीन बार परीक्षा आयोजित करेगी। प्रत्येक सत्र में शिक्षण अवधि चार महीने की होगी और लगभग 120 घंटे का शिक्षण कार्य किया जाएगा। परीक्षा के बाद प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। पढ़ाई लिखाई के लिए गाइड, पेंसिल, नोटबुक, इरेजर आदि विकसित सामग्री के स्तर का सामान दिया जाएगा। 

असाक्षरों का होगा सर्वे

कार्यक्रम के संचालन के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को योजना का परियोजना पदाधिकारी बनाया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पढ़ना लिखना अभियान की कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। इसके बाद असाक्षरों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के बाद लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। लक्ष्य के अनुसार असाक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा।

क्या कहते है जिला शिक्षा पदाधिकारी

डीईओ बीरेंद्र नारायण ने कहा कि विभागीय पत्र प्राप्त हुआ है। डीपीओ साक्षरता को कार्य योजना तैयार करने को कहा गया है। नए साल से प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम पढ़ना लिखना अभियान की शुरूआत कर दी जाएगी।

जिला परिषद अध्यक्ष करेंगे मिशन का नेतृत्व 

जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला परिषद अध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के सदस्य सांसद व विधायक, सदस्य सचिव जिलाधिकारी के साथ-साथ सदस्य के रुप में उप विकास आयुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता), जिला कल्याण पदाधिकारी, जीविका प्रबंधक, नेहरू युवा केंद्र के प्रभारी, एनएसएस व एनसीसी के प्रभारी अध्यापक, मुख्यालय के कॉलेज के प्राचार्य और डायट के प्राचार्य होंगे।


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