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Muzaffarpur Flood News : इस रास्ते से होकर गुजरना है तो ट्रैक्टर पर ठुंसकर जाना ही होगा, जानें क्या है मजबूरी

Muzaffarpur Flood News हाजीपुर-महुआ-मुजफ्फरपुर रोड में कुलेसरा के समीप बाढ़ में कदाने नदी का पानी सड़क पर बहने और सड़क जर्जर होने से आवागमन में परेशानी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 02:17 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 02:17 PM (IST)
Muzaffarpur Flood News : इस रास्ते से होकर गुजरना है तो ट्रैक्टर पर ठुंसकर जाना ही होगा, जानें क्या है मजबूरी
Muzaffarpur Flood News : इस रास्ते से होकर गुजरना है तो ट्रैक्टर पर ठुंसकर जाना ही होगा, जानें क्या है मजबूरी

मुजफ्फरपुर, प्रेम शंकर मिश्रा। Muzaffarpur Flood News : मेडिकल सेक्टर में काम करने वाले गुंजन कुमार को जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय जाना था। मगर, हाजीपुर- महुआ-मुजफ्फरपुर रोड में कुलेसरा के समीप सड़क पर बहते कदाने नदी के पानी ने उनकी बाइक की राह रोक दी। पानी में जर्जर हो चुकी सड़क को पार करना खतरे से खाली नहीं था। परेशानी देख लोगों ने ट्रैक्टर पर बाइक लाद यह दूरी पार करने की सलाह दी। मगर, ट्रैक्टर तब तक नहीं चल सकता था जबतक सात-आठ सवारी नहीं हो जाए। देर होती देख बाइक से ही सड़क पार करने का नतीजा यह हुआ कि पानी में बाइक बंद हो गई। यह परेशानी सिर्फ गुंजन की नहींं। इस मार्ग पर कुलेसरा के पास से गुजरने वाले सैकड़ों लोगों को पिछले तीन सप्ताह से यह परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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कोरोना संक्रमण का भी खतरा

कदाने नदी में आई बाढ़ ने दो सौ से ढाई सौ मीटर तक सड़क को तोड़ दिया है। वैशाली व मुजफ्फरपुर को जोडऩे वाली व पटना जाने वाली इस वैकल्पिक सड़क में इस दूरी को तय करने के लिए बाइक सवारों के लिए अभी ट्रैक्टर ही सहारा है। 50 रुपये में इस पार से उस पार कराया जा रहा है। दो पहिया को ट्रैक्टर के डाला में रखकर आगे सात से आठ सवारियों को बिठा लिया जाता है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए बसों के परिचालन पर रोक है। मगर, यहां ट्रैक्टर पर एकदम सटाकर सवारियों को बिठाया जा रहा है। इससे संक्रमण फैलने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं, कई दोपहिया वाहनों को बच्चे भी ठेलकर पार कराते नजर आते हैं। दस रुपये की लालच में बच्चे यह काम कर रहे। मगर, इससे उनके पैर चोटिल हो रहे हैं। हां, प्रमोद कुमार सिंह जैसे कई ऐसे लोग भी हैं जो मानवता के साथ फंसने वालों की सेवा कर रहे हैं। ढोली से प्रतिदिन इसी मार्ग से ड्यूटी पर जा रही ज्योति प्रकाश कहती हैं, जब पानी बढ़ रहा तभी विभाग को ध्यान देना चाहिए था। इतनी परेशानी नहीं होती।

ह्यूम पाइप के ऊपर बिछाई गई ईंट

लोगों की परेशानी के दो सप्ताह बाद विभाग की नींद खुली है। टूटे हुए स्थान पर ह्यूम पाइप बिछाने के बाद इसके ऊपर ईंट रखी गई। इसके बाद कुछ हद तक सड़क आवागमन के लायक तैयार हो सकी। सड़क मरम्मत करा रही एजेंसी के शिव गुप्ता कहते हैं कि पानी अधिक होने के कारण मरम्मत संभव नहीं था। इस कारण इसमें देरी हुई। 


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