यदि Red light area के आसपास मंडराते दिख गए तो अब जमानत मिलनी भी होगी मुश्किल, जानें नए प्रावधान के बारे में
गिरफ्तारी होने पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज होगा केस। मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया कदम। सरकार ने जारी किया निर्देश।
मधुबनी, जेएनएन। वेश्यालयों से पीड़ताओं की रेस्क्यू (बचाव) के दौरान गिरफ्तार किए जाने वाले ग्राहकों व अपराधियों के विरुद्ध और भी सख्त कानूनी शिकंजा कसने का निर्णय लिया गया है। अब वेश्यालयों से पीडि़ताओं को रेस्क्यू के दौरा जो ग्राहक या अपराधी गिरफ्तार किए जाएंगे के उसके विरुद्ध सख्त धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। ताकि, उसे न्यायालय से आसानी से जमानत नहीं मिल सके।
सख्त निर्देश जारी
उक्त मामले में अब गिरफ्तार किए गए ग्राहकों व अपराधियों के विरुद्ध भादवि की सुसंगत धाराओं के साथ-साथ आइटीपीए एक्ट 1956, जेजे एक्ट 2015 तथा पॉक्सो एक्ट 2012 की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक-कमजोर वर्ग (अपराध अनुसंधान विभाग) ने सख्त निर्देश जारी किया है।
इस कारण जारी करना पड़ा कड़ा निर्देश
दरअसल पुलिस मुख्यालय का मानना है कि मानव तस्करी के विरुद्ध किए जा रहे अनेकों कार्रवाई के बावजूद भी मानव तस्करी से संबंधित अपराध नियंत्रित नहीं हो रहा है। इसका मुख्य कारण उक्त अपराध के प्रति पुलिस पदाधिकारियों को जागरुक नहीं होना माना गया है।
मानव तस्करी का मामला
पुलिस मुख्यालय का मानना है कि मानव तस्करी से संबंधित प्राथमिकी में उचित धाराओं का समावेश नहीं किए जाने के कारण गिरफ्तार ग्राहक व अपराधी आसानी से न्यायालय से जमानत पर मुक्त हो जाते हैं। जमानत पर मुक्त होने के बाद पुन: उसी धंधे में संलिप्त हो जाते हैं। जिस कारण पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी किया है कि कि उक्त मामलों से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने में भादवि की सुसंगत धाराओं के साथ-साथ आइटीपीए एक्ट 1956, जेजे एक्ट 2015 तथा पॉस्को एक्ट 2012 की सुसंगत धाराएं लगाई जाए।
एसपी ने थानाध्यक्षों को दिया निर्देश
वहीं पुलिस महानिरीक्षक-कमजोर वर्ग (अपराध अनुसंधान विभाग) द्वारा जारी पत्र के आलोक में पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी थानाध्यक्षों, ओपी अध्यक्षों को सख्त निर्देश दिया है कि वेश्यालयों से पीडि़ताओं की रेस्क्यू (बचाव) के दौरान गिरफ्तार किए जाने वाले ग्राहकों व अपराधियों के विरुद्ध भादवि की सुसंगत धाराओं के साथ-साथ आइटीपीए एक्ट 1956, जेजे एक्ट 2015 तथा पॉस्को एक्ट 2012 की सुसंगत धाराओं के अधीन ²ढ़तापूर्वक प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करें।