कहीं आप एक्सपायरी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे,ऐसे करें अपने सिलेंडर की जांच Muzaffarpur News
खाने-पीने के सामान व दवाओं की तरह रसोई गैस सिलेंडर की भी होती है एक्सपायरी डेट। उपभोक्ताओं को जानकारी की कमी का खामियाजा सिलेंडर में विस्फोट जैसी खतरनाक स्थिति के रूप में भी भुगतना
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सावधान हो जाएं। कहीं आप एक्सपायरी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसका खामियाजा सिलेंडर में विस्फोट जैसी खतरनाक स्थिति के रूप में भी भुगतना पड़ सकता है।
बता दें कि खाने-पीने के सामान व दवाओं की तरह रसोई गैस सिलेंडर की भी एक्सपायरी डेट होती है। प्रत्येक गैस सिलेंडर पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है। मगर उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी नहीं होती है। इसकी जानकारी रखते हुए इस संबंध में हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है। सतर्क रहें कि कहीं आपके घर में इस्तेमाल हो रहा सिलेंडर एक्सपायरी तो नहीं है। इसलिए इसकी डेट जांच लें। नहीं तो इसका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।बताते चलें कि गैस सिलेंडर बनाते समय प्लांट से इस पर एक्सपायरी डेट लिखी जाती है। हालांकि वेंडर दीना व जितेंद्र का कहना है कि एक्सपायरी सिलेंडर कभी भी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है। कंपनी से एक्सपायरी सिलेंडर जांच कर एजेंसी के पास भेजी जाती है।
जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता
मिठनपुरा के उपभोक्ता रानी देवी का कहना है कि इसके लिए एजेंसी व कंपनी की तरफ से कभी जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया। इसी तरह रामदयालु बिजली कॉलोनी के संगीता श्रीवास्तव का कहना है कि एजेंसी की तरफ से उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। प्रियंका कुमारी कहती हैं कि वेंडर गैस सिलेंडर देकर चला जाता है। कभी एक्सपायरी के बारे में बताया ही नहीं गया।
कोड में एक्सपायरी डेट लिखी होती
सिलेंडर पर एक्सपायरी डेट कोड में लिखी रहती है। यह ए, बी, सी, डी के रूप में इंगित रहती है। लेकिन उपभोक्ता इस पर ध्यान नहीं देते है। एक कोड साल के तीन-तीन महीनों को दर्शाते हैं। इस कारण कई बार डेट निकलने के बावजूद ऐसे गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं तक पहुंच जाते हैं। जानकारों की मानें तो कई बार सिलेंडर फटने की घटना कारण एक्सपायरी सिलेंडर ही सामने आया है।
प्लांट से ही सिलेंडर हटा लिए जाते
आइओसी के सेल्स ऑफिसर अमन विश्वकर्मा बताते हैं कि सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में बड़े अक्षरों में ये अल्फाबेट्स लिखे होते है। जिसके आगे अंकों में साल का जिक्र होता है। एक्सपायरी डेट आते ही प्लांट से ही सिलेंडर हटा लिए जाते हैं। फिर उनको टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी महमूद आलम ने कहा कि गैस एजेंसी संचालकों को नियम के तहत ही सिलेंडर की आपूर्ति करने का निर्देश दिया जा चुका है। अगर कोई एक्सपायरी सिलेंडर उपभोक्ताओं को देकर चले जाते हैं तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।
जानिए एक्सपायरी कोड
ए- जनवरी से मार्च
बी- अप्रैल से जून
सी- जुलाई से सितंबर
डी- अक्तूबर से दिसंबर
ए- 20 यानी सिलेंडर मार्च 2020 तक ही मान्य।
डी- 21 यानी सिलेंडर दिसंबर 2021 तक वैध।