BRA Bihar University : आप भी इंटरमीडिएट रिजल्ट के बाद आगे की पढ़ाई को लेकर उलझन में हैं तो यह जरूर जान लें
BRA Bihar University में लॉकडाउन समाप्त होते ही शुरू होगी स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया। ऑनलाइन नामांकन की व्यवस्था के लिए विवि नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपेगा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। इंटर का रिजल्ट आ चुका है। लेकिन, कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में अबतक स्नातक में नामांकन की प्रकिया शुरू नहीं हो सका है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी तैयारी में जुटा है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बिना देर किए स्नातक में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि सत्र विलंब नहीं हो। बता दें कि ऑनलाइन नामांकन की व्यवस्था के लिए विवि नई एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपेगा। इसको लेकर विवि के खुलने के बाद एजेंसी के लिए टेंडर निकाला जाएगा।
कुलपति अधिकारियों से फीडबैक ले रहे
डीएसडब्ल्यू डॉ. अभय कुमार सिंह ने कहा विवि खुलते ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। नामांकन को लेकर कुलपति अधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं। टेंडर के बाद चयनित एजेंसी आवेदन के लिए पोर्टल तैयार करने, आवेदन लेने और विषयवार छांटने का काम के बाद विवि मेरिट लिस्ट तैयार करता है। हालांकि पूरी प्रक्रिया पर विवि अधिकारी निगरानी करते हैं।
रिक्त पदों पर नई नियुक्ति शीघ्र
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पदाधिकारियों के खाली पड़े पदों के कारण इसका असर कामकाज पर पड़ रहा है। अब शीघ्र ही इन पदों पर पदाधिकारियों की बहाली की जाएगी। इसको लेकर विवि प्रशासन की ओर से कवायद शुरू की जा रही है।
बता दें कि अभी उप कुलसचिव दो, विकास अधिकारी, इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज साइंस के पद खाली हैं। जबकि प्रति कुलपति का कार्यकाल भी अगले माह समाप्त हो जाएगा। इसको लेकर राजभवन ने 30 अप्रैल तक आवेदन मांगा है। बता दें कि कुलसचिव के पद पर रि. कर्नल अजय कुमार राय के हटने के बाद परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार को प्रभार दिया गया है। यदि डॉ.मनोज कुमार आगे कुलसचिव बने रहते हैं तो परीक्षा नियंत्रक के पद पर भी नई बहाली होनी तय है।
अनुदान शीघ्र जारी करे सरकार
वित्तरहित कॉलेजों के शिक्षक और कर्मियों का अनुदान जारी नहीं किया गया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी का माहौल है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ ने सभी वित्तरहित अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों, इंटर व डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के अनुदान को तुरंत जारी करने की मांग की है। महासंघ ने इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।
6-7 वर्ष से अनुदान नहीं
एमएलसी सह महासचिव प्रो. संजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के सभी माध्यमिक विद्यालयों,इंटर महाविद्यालयों व संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों को पिछले 6-7 वर्ष से अनुदान की राशि नहीं दी गई है। अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों व इंटर कॉलेज के शिक्षकों के लिए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत व जारी 630 करोड़ की राशि का भुगतान भी अबतक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने रोक कर रखा है। इससे शिक्षक और कर्मचारी भूखमरी के कगार पर हैं। शीघ्र उनके अनुदान की राशि का भुगतान किया जाए।
अनुदान का अविलंब भुगतान हो
इधर, एलएस कॉलेज के शिक्षक डॉ विजय कुमार ने भी सीएम नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि नियोजित शिक्षकों व वित्तरहित कॉलेजों के बकाए अनुदान का अविलंब भुगतान हो। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्तर के सभी नियोजित शिक्षक आॢथक समस्या का सामना कर रहे हैं। हड़ताल में शामिल शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। दूसरी ओर संबद्ध कॉलेज के शिक्षकों व कर्मियों का भी अनुदान छह वर्षों से लंबित है। ऐसे में सभी को घोर आॢथक संकट का सामना करना पड़ रहा है।