Lockdown : राज्य के बाहर फंसे मजदूर इस प्रक्रिया को अपनाएंगे तो उन्हें जल्द मिलेगी सरकारी सहायता राशि
Lockdown वहां से सेल्फी भेजनी होगी। जीपीएस ट्रैकिंग के बाद अन्य प्रांतों में फंसे मजदूरों को दी जा रही सहायता राशि।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। लॉकडाउन में सूबे से बाहर फंसे लोगों को बिहार सरकार की ओर से घोषित एक हजार रुपये लेने के लिए वहां से सेल्फी भेजनी होगी। इस आधार पर उनकी जीपीएस से ट्रैकिंग की जा रही है। इससे पता चल रहा है कि उक्त मजदूर बिहार से बाहर हैं। इसके बाद आधार कार्ड व खाता संख्या लेकर भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अभी तक जिले के प्रवासी श्रमिक कोषांग में 6257 प्रवासी मजदूरों के खातों में भेजी गई एक-एक हजार की राशि भेजी जा चुकी है।
श्रमिक कोषांग में व्यवस्था
सेल्फी के साथ एप से मांगी गई जानकारी देनी है। इसमें श्रमिकों का आधार नंबर और इस जिले में खोले गए बैंक खाता नंबर देना है। राज्य मुख्यालय से आधार की जांच के बाद इसे जिले को भेज दिया जा रहा है। फिर जिला प्रवासी श्रमिक कोषांग से एनआइसी से उक्त जानकारी को अपलोड होगा। फिर उसे अपर समाहर्ता अंतिम रूप से स्वीकृत करेंगे। अब तक 6257 लोगों के खाते एक-एक हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 7374 आवेदन एडीएम के स्तर से स्वीकृत कर राज्य सरकार को भेजी जा रही है। जहां से आधार कार्ड और पीएफएमएस द्वारा बैंक खाते के सत्यापन के बाद आवेदक के खाते में राशि भेज दी जा रही है। ट्रैङ्क्षकग एप से यह पता चल रहा है कि आवेदक किस प्रांत में है।
प्रवासियों को दी जा रही जानकारी
प्रवासी श्रमिक कोषांग के वरीय प्रभारी पदाधिकारी सह एडीएम नंद किशोर साह ने कहा कि बाहर फंसे मजदूरों को निर्धारित एप खोलने और जानकारी देने के लिए जिले से सहयोग किया जा रहा है। यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जा रही है। भुगतान दिलाने में आवश्यक बातों की जानकारी बाहर के जिलों की हेल्पलाइन के कर्मी भी प्रवासी मजदूरों का साथ दे रहे हैं।
974 आवेदन अस्वीकृत
गलत बैंक खाता एवं त्रुटिपूर्ण आधार नंबर देने के कारण 974 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। सर्वाधिक राशि का भुगतान नरकटियागंज के बाहर फंसे मजदूरो को किया गया है। यहां के कुल 700 मजदूरों को एक -एक हजार रुपये खातों में भेजे गए हैं। सबसे कम लाभार्थी पिपरासी प्रखंड के हैं। यहां 29 लाभार्थियों को लाभ दिया गया है।