पति गए दुबई तो शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर, शिकायत करने पर ये हुआ हश्र
पीडि़ता ने पति से शिकायत की तो उसने 9 सितंबर को उसे फोन पर ही तलाक दे दिया। अपने दो बचों के साथ न्याय की गुहार लगा रही पीड़ित महिला को अब तक न्याय नहीं मिला है।
By Edited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 02:23 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 10:06 PM (IST)
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। अपने दो बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगा रही पीड़ित महिला को अब तक न्याय नहीं मिला है। शादी के बाद ससुराल वाले दो लाख रुपये नगद की मांग करने लगें। इतना ही नहीं मारपीट व गाली ग्लौज तक की जाती थी। थक हारकर महिला ने जब दुबई में रह रहे अपने पति से शिकायत की तो उसने 9 सितंबर को उसे फोन पर ही तलाक दे दिया।
पिता के घर में शरण
फिर क्या था जिंदगी उजड़ते देख पीड़िता ने अपने पिता के घर शरण ली। इतने दिन बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी पीड़िता ने खानपुर थाने में ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया। लेकिन 21 दिन बाद भी प्राथमिकी अभी तक नहीं हुई। वैसे संबंधित थानाध्यक्ष कह रहे हैं कि पुलिस सुलह कराने की कोशिश में है। जांच के लिए पदाधिकारी नियुक्त हुए परंतु पीड़िता को सामाजिक स्तर पर भी न्याय नहीं मिल सका।
नहीं ली किसी ने सुध
पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाते हुए जांचकर्ता को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उनलोगों का कहना था कि विभाग के वरीय पदाधिकारियों से लेकर थानाध्यक्ष व जांच कर रहे पदाधिकारी के पास न्याय के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुधी नहीं ली।
चार वर्ष पूर्व हुआ था निकाह
10 अक्टूबर 14 को पीड़िता की शादी खानपुर सिरोपट्टी के मो. रौशन अली के पुत्र मो. मासूम अली के साथ हुई थी। कुछ दिन ठीक ठाक चलता रहा लेकिन उसके बाद मासूम के भाई व मां ने दहेज के रूप में दो लाख रूपये नगद लाने का दबाब देने लगे। नहीं मानने पर सास, ससुर, देवर, जेठ मारपीट कर प्रताड़ित करने लगे।पति भी अपने परिजनों के पक्ष में आ कर प्रताड़ित कर दिया करते थे। जान से भी मारने की कोशिश भी उनलोगों द्वारा की गई। इसके बाबजूद पीड़िता हर बातों को बर्दाश्त करते हुए अपने ससुराल में रहते हुए अपने दो बच्चे को जन्म दिया। बेटा मो. अलतमस तीन वर्ष का है तो एहतेशाम चार माह की।
पति के जाने के बाद प्रताड़ना का दौर
पिछले मुहर्रम को उसके पति दुबई नौकरी को चले गए। पति के जाने के बाद उसके भाई माशुक अली व ससुराल के अन्य सभी सदस्यों ने उसे जलाने की कोशिश की। इससे तंग आकर दुबई में रह रहे पति को फोन कर सारी घटनाओं की जानकारी दी। इसपर पति ने अपने घर के सदस्यों के पक्ष में अपनी रजामंदी जाहिर करते हुए तलाक ही दे डाला। फिर क्या था बेचारी अपने दो मासूम बच्चों के साथ बूढ़े पिता के पास पहुंच गई।दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी
पीड़िता ने कहा प्राथमिकी को दिया आवेदन पर दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी तलाक के बाद पीड़िता अपने पिता के घर आ गई। पिता ने सहारा देते हुए उसे अपने घर में रख लिया। पांच भाई- बहनों में छोटी नूरजहां के मां का इंतकाल हो चुका है। सभी भाई बहन घर से बाहर रहते हैं। ऐसे में बूढे पिता मो. शहाबुद्दीन उसके दोनो बच्चों की परवरिश करते हैं। पिता भी अपनीे बेटी का ख्याल रखते हुए उसके न्याय की गुहार लगा रहे है। खानपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ रवि ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तरफ से एक आवेदन मिला था।
सुलह कराने की कोशिश
काउंसलिंग के तहत पति पत्नी व उसके ससुराल वालों के बीच सुलह करवाने की कोशिश की गई। पंचायत भी हुई। उम्मीद है कि जल्द ही मामला सुलह हो जाएगा। अगर सुलह की स्थिति नहीं बनती है तो प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पिता के घर में शरण
फिर क्या था जिंदगी उजड़ते देख पीड़िता ने अपने पिता के घर शरण ली। इतने दिन बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी पीड़िता ने खानपुर थाने में ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया। लेकिन 21 दिन बाद भी प्राथमिकी अभी तक नहीं हुई। वैसे संबंधित थानाध्यक्ष कह रहे हैं कि पुलिस सुलह कराने की कोशिश में है। जांच के लिए पदाधिकारी नियुक्त हुए परंतु पीड़िता को सामाजिक स्तर पर भी न्याय नहीं मिल सका।
नहीं ली किसी ने सुध
पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाते हुए जांचकर्ता को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उनलोगों का कहना था कि विभाग के वरीय पदाधिकारियों से लेकर थानाध्यक्ष व जांच कर रहे पदाधिकारी के पास न्याय के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुधी नहीं ली।
चार वर्ष पूर्व हुआ था निकाह
10 अक्टूबर 14 को पीड़िता की शादी खानपुर सिरोपट्टी के मो. रौशन अली के पुत्र मो. मासूम अली के साथ हुई थी। कुछ दिन ठीक ठाक चलता रहा लेकिन उसके बाद मासूम के भाई व मां ने दहेज के रूप में दो लाख रूपये नगद लाने का दबाब देने लगे। नहीं मानने पर सास, ससुर, देवर, जेठ मारपीट कर प्रताड़ित करने लगे।पति भी अपने परिजनों के पक्ष में आ कर प्रताड़ित कर दिया करते थे। जान से भी मारने की कोशिश भी उनलोगों द्वारा की गई। इसके बाबजूद पीड़िता हर बातों को बर्दाश्त करते हुए अपने ससुराल में रहते हुए अपने दो बच्चे को जन्म दिया। बेटा मो. अलतमस तीन वर्ष का है तो एहतेशाम चार माह की।
पति के जाने के बाद प्रताड़ना का दौर
पिछले मुहर्रम को उसके पति दुबई नौकरी को चले गए। पति के जाने के बाद उसके भाई माशुक अली व ससुराल के अन्य सभी सदस्यों ने उसे जलाने की कोशिश की। इससे तंग आकर दुबई में रह रहे पति को फोन कर सारी घटनाओं की जानकारी दी। इसपर पति ने अपने घर के सदस्यों के पक्ष में अपनी रजामंदी जाहिर करते हुए तलाक ही दे डाला। फिर क्या था बेचारी अपने दो मासूम बच्चों के साथ बूढ़े पिता के पास पहुंच गई।दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी
पीड़िता ने कहा प्राथमिकी को दिया आवेदन पर दर्ज नहीं हुई प्राथमिकी तलाक के बाद पीड़िता अपने पिता के घर आ गई। पिता ने सहारा देते हुए उसे अपने घर में रख लिया। पांच भाई- बहनों में छोटी नूरजहां के मां का इंतकाल हो चुका है। सभी भाई बहन घर से बाहर रहते हैं। ऐसे में बूढे पिता मो. शहाबुद्दीन उसके दोनो बच्चों की परवरिश करते हैं। पिता भी अपनीे बेटी का ख्याल रखते हुए उसके न्याय की गुहार लगा रहे है। खानपुर थानाध्यक्ष विश्वनाथ रवि ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तरफ से एक आवेदन मिला था।
सुलह कराने की कोशिश
काउंसलिंग के तहत पति पत्नी व उसके ससुराल वालों के बीच सुलह करवाने की कोशिश की गई। पंचायत भी हुई। उम्मीद है कि जल्द ही मामला सुलह हो जाएगा। अगर सुलह की स्थिति नहीं बनती है तो प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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