नेपाल के बारा व पर्सा जिला में तूफान से तबाही, 29 मरे, 500 से अधिक घायल
मरनेवालों में भारत के मोतिहारी सीतामढ़ी व उत्तरप्रदेश के बरेली लालगंज के है तीन लोग। घायलों से मिलने पहुंचे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। रक्सौल पूर्वी चंपारण भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में रविवार की रात आयी आंधी-तुफान में सैकड़ों लोग घर से बेघर हो गये है। इस तुफान का सबसे बुरा असर नेपाल के सीमावर्ती पर्सा व बारा जिला के गांवों में हुआ है। जिसमें करीब 29 लोगों को मौत हो गई है। वही 500 से अधिक लोग घायल हो गये है। मरने वालों में भारत के मोतिहारी, सीतामढ़ी व उत्तरप्रदेश के बरेली के लोग भी है। घायलों का इलाज दोनों जिले के विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है।
स्थिति ऐसी हो गई है कि घायलों के इलाज में अस्पताल में बेड कम पड़ गये है। सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट किया है। घटना की सूचना मिलते ही नेपाल सरकार ने राहत व बचाव कार्य के लिए सेना को तैनात कर दिया गया है। इधर सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली बारा व पर्सा जिला के अस्पतालों में पहुंच घायलों की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को आदेश दिया है कि तुफान में घायलों के इलाज में किसी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए।
नेपाल के पर्सा जिला एसपी रेवती ढ़काल व बारा जिला एसपी सानुराम भटराई ने संयुक्तरूप से बताया कि इस तुफान से करीब 15 करोड़ रूपये से अधिक की क्षति हुई है। तूफान का सबसे अधिक असर बारा जिला कलैया के फेटा, भरवलिया, भलुई आदि गांवों में हुआ है। साथ ही भारत से बीरगंज कलैया आदि क्षेत्रों में होने वाले विद्युत आपूर्ति के लिए 132 केवी के सैकड़ों पोल क्षतिग्रस्त हो गये है। वहीं इस तूफान में हुए क्षति का आंकलन किया जा रहा है। विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत घायलों में करीब एक दर्जन से अधिक लोगों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। मरनेवालों की संख्या बढ़ सकती है। अभी तक इस तूफान में बारा जिला में 24 व पर्सा में एक की मौत हो गई है।
तूफान से मची रही अफरातफरी
रविवार की रात आई तूफान ने ऐसा कहर बरपाया है कि नेपाल के बारा व पर्सा जिला के दर्जनों में गांवों तबाह हो गये है। लोग मौसम की रूख को देख अपने घरों व आसपास के सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे। लेकिन, तूफान ने ऐसा कहर मचाया कि सड़क से लेकर घर के अंदर छूपे लोगों को बेहाल कर दिया। दर्जनों लोगों की जान चली गई।कई लोग बेहोश हो गये। जो अस्पताल पहुंचते या फिर रास्ते में ही दम तोड़ दिये। वहीं कई लोगों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस तूफान का मंजर ऐसा रहा है कि विशालकाय पेड़ की सभी डालियों को तोड़ दिया है। सड़क पर चल रहे यात्री बस, मालवाहक ट्रक पलट गये है। वहीं घर के छप्पर आदि उड़ा दिया है। वहीं कई घरों को गिरा दिया है। इस तबाही में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, पुरूष सहित मवेशियों को भारी नुकसान पहुंचा है।
ब्लड़ के लिये सोशल मीडिया का सहारा
अघोषित चक्रवाती तूफान के कहर से नेपाल के बारा व पर्सा जिला में भारी क्षति हुई है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेस व वाहनों की कमी को देख कराहते लोगों के जीवन को बचाने के लिए कपड़े की झोली बना उसके सहारे अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं चिकित्सकों ने घायलों के बेहतर इलाज के लिए ब्लड की मांग करने लगे।
इसके बाद से पीड़ित लोगों की जान बचाने के लिए लोगों ने विभिन्न ब्लड ग्रुपों का नाम लिख नेपाल के अस्पतालों में पहुंच ब्लड डोनेट करने की बात सोशल साईट पर पोस्ट करने लगे। लोगों का कहना था कि पीड़ित मानवता की सेवा के लिए सीमा बंधन नहीं है। नेपाल से बेटी-रोटी के संबंध को जीवंत करने के लिए रक्सौल एवं आसपास के सीमावर्ती गांवों के लोग अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों की जान बचाने के लिए नेपाल पहुंच रहे है।
पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा हरसंभव सहायता
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सोमवार को बारा व पर्सा जिला पहुंचे। वे अपने दल के साथ दोनों जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत तूफान में घायल हुए मरीजों से जाकर मिलें। उनका कुशलक्षेम पूछा। साथ ही उन्हें हरसंभव मदद दिलाने की बात कही। वही स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया कि पीड़ित लोगों के इलाज में किसी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि गृह सचिव प्रेम कुमार राई के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है। जो इस तूफान में हुई क्षति का आंकलन कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे।
घटना के बाद गांवों में मंत्री कर रहे है कैंप
नेपाल के गृहमंत्री रामबहादुर थापा, स्वास्थ्यमंत्री उपेंद्र यादव, भौतिक पूर्वाधार मंत्री रघुवीर महासेठ, शहरी विकास मंत्री मो. इश्त्ेयाक राई आदि बारा व पर्सा जिला पहुंच चुके है।वे लोग विभिन्न गांवों में कैंप कर पीड़ित लोगों के सहायता के कार्य का जायजा ले रहे है। वहीं पीड़ित लोगों के सहायता में सेना, स्थानीय पुलिस व विभिन्न समाजसेवी संगठन मिलकर घायलों का सहायता कर रहे है।
मृतकों के नाम
सुवर्ण गांव पालिका में तारीफ खातून, श्रीप्रसाद यादव, महागढ़ीमाई नगरपालिक में कोइरी देवी, हरिनारायण दास, मनोरमा देवी, रूनी देवी, नंद पटेल, रूबी खातून, गढीमा देवी, बबीमा खातून, मुस्तकीमा खातून, मीना खातून, नोकसा मियां, अलीसा खातून, सकिया खातून, समसींधा खातून, शबनम खातून, अच्छेलाल मांझी, पर्सा जिला के भवानीपुर गांव में राम मांझी, सूरज मांझी व भारत के मोतिहारी के राजेश मुखिया, सीतामढ़ी के अवधेश पासवान, उत्तरप्रदेश बरेली लालगंज के राधे लाढ़ी की मौत हो गई है। इसकी जानकारी बारा के जिलाधिकारी राजेश पौडेल व पर्सा के नारायण प्रसाद भटराई ने दी।