Lockdown Update Day 8: जम्मू के कटरा में फंसे उत्तर बिहार के सैकड़ों मजदूर, जानिए उनकी स्थिति
बेतिया बगहा नरकटियागंज मोतिहारी इलाके के मजदूर। 12-14 दिनों से काम बंद वहां से निकलने का भी कोई उपाय नहीं। फोन पर सुनाई आपबीती सरकार से मदद कराने की लगाई गुहार।
समस्तीपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की आशंका के बीच चंपारण के करीब 200 मजदूर जम्मू के कटरा में फंसे हैं। काम बंद होने से उनके सामने बेरोजगारी और भोजन की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। फिलहाल, किसी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही। राजीव पटेल नामक एक युवक ने सोमवार की शाम फोन कर बताया कि सभी वहां पेंटिंग, फोटो फ्रेमिंग, बढ़ई आदि का काम करते थे। रोज के हिसाब से कमाई हो रही थी।
अभी 12-14 दिनों से काम बंद है। वहां से निकलने का भी कोई उपाय नहीं हो पा रहा। ये कटरा के काउंटर नंबर दो के पास किराये के कमरे में हैं। अभी मकान मालिक इनपर किराये के लिए दबाव बना रहा। जबकि, नहीं देने पर कमरा खाली करने को कहता है। बेतिया के चरगाहां निवासी राजीव ने बताया कि दो दिन पहले कुछ लोग आए थे। सभी के नाम लिखकर गए, पर उसके बाद कोई पूछने तक नहीं आया।
किससे मदद मांगें, नहीं सूझ रहा कोई उपाय
बेतिया के ही मुख्तार फोन पर बात करते हुए भावुक हो जाते हैं। कहते हैं कि अभी दो-तीन दिनों से भूखे रहने की स्थिति है। अब तक की सारी कमाई खत्म हो गई। घर में जो बचा-खुचा था खत्म हो गया। अभी कहीं से राहत की उम्मीद नहीं। हमलोग किससे मदद मांगने जाएं, कुछ उपाय भी नहीं सूझ रहा। उनके साथ बेतिया, बगहा, नरकटियागंज, मोतिहारी इलाके के मजदूर हैं।
एक कमरे में चार लोग
सुरेश साह बताते हैं कि एक कमरे में चार-चार लोग रहते हैं। किराया नहीं होने से कमरों की संख्या कम करने की मजबूरी है। उनका कहना है कि सरकार की फिजिकल डिस्टेंसिंग को हमलोग समझ रहे, पर हमारी मजबूरी यह है कि जेब में पैसे नहीं हैं। ऐसे में हमारे सामने अब कोई विकल्प नहीं बचा।