सावन आते ही हरी चूडि़यों का बढ़ा क्रेज, महिलाओं के हाथों की बढ़ा रहीं शोभा Muzaffarpur News
महिलाएं सावन में सुहाग की सलामती के लिए हरा रंग पहनती हैं। शास्त्रों में हरे रंग को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सावन का महीना शुरू हो चुका है। इसके साथ ही इस महीने पडऩे वाले तीज-त्योहारों की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। शास्त्रों में भी इस महीने को पूरे साल में काफी खास माना गया है। यह महीना भगवान शिव को भी प्रिय है। इसमें कई चीजों का खास महत्व बताया गया है, जैसे झूले और महिलाओं के लिए तीज-त्योहारों का। साथ ही महिलाएं इस महीने में हरी कांच की चूडिय़ां पहनती हैं। कहा जाता है कि ये चूडिय़ां महिलाओं के सुहाग की प्रतीक हैं। सावन आते ही उनपर हरे रंग की धुन सवार हो जाती है।
मिलता है सुहाग की सलामती का आशीर्वाद
चकबासु के राजेश उर्फ मुन्ना शास्त्री और उमेश नगर, जीरोमाइल के गुरुदेव नीरज बाबू बताते हैं कि महिलाएं सावन में अपनी सुहाग की सलामती के लिए हरा रंग पहनती हैं। शास्त्रों में हरे रंग को सौभाग्य का प्रतीक और प्रकृति को ईश्वर का रूप माना गया है। इसलिए उसकी पूजा भी की जाती है। कहते हैं कि इस पूरे महीने हरा पहनने वाले लोगों पर प्रकृति की विशेष कृपा होती है। महिलाएं हरे रंग की चूडिय़ां और सुहाग की चीजें पहनकर प्रकृति से खुद को जोड़ती हैं और इस तरह उनके सुहाग की सलामती का उन्हें आशीर्वाद मिलता है।
धन की होती है बारिश
ज्योतिषविद विमल कुमार लाभ बताते हैं कि हरा रंग बुध ग्रह का प्रतीक होता है। यह व्यक्ति के कॅरियर और व्यापार से जुड़ा है। ऐसे में हरा रंग पहनने से बुध प्रसन्न होते हैं और सुहागिनों के घर में संपन्नता और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
भगवान शिव होते हैं प्रसन्न
सावन में हरा रंग पहनने से शिव खासतौर से खुश होते हैं। भोलेनाथ का प्रकृति से विशेष जुड़ाव है। ऐसे में जब भक्त खुद को प्रकृति के अनुरूप ढाल लेता है तो शिव विशेष तौर पर खुश हो जाते हैं और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। सावन में हरे रंग की चूडिय़ां पहनने वाली महिलाओं पर भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं।