World Cancer Day : सर्वाइकल कैंसर से निजात में कारगर एचपीवी टीकाकरण,जानिए इसके फायदे
World Cancer Day पर हुए वेबीनार में विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी। भारत में इसके तकरीबन 77 फीसद मामलों का कारण एचपीवी सेरोटाइप 16 और 18 है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। इन दिनों पूरे विश्व में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में खतरनाक बीमारी साबित हो रही है। इसका मूल कारण महिलाओं में इस बीमारी के प्रति जागरूकता और इलाज का अभाव है। भारत में इसके तकरीबन 77 फीसद मामलों का कारण एचपीवी सेरोटाइप 16 और 18 है। सर्वाइकल कैंसर मूलत: एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) के संक्रमण से होता है।
मंगलवार को हार्वर्ड टीएचसी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ इंडिया रिसर्च सेंटर की ओर से हुए वेबीनार में एम्स, नई दिल्ली की स्त्री एवं प्रसव विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ.नीरजा भाटिया ने बीमारी के संबंध में विस्तार से जानकारियां दीं। बताया कि देश में सर्वाइकल कैंसर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल के लिए वर्ष 2018-30 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार की ओर से एचपीवी टीकाकरण शुरू किया गया है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन का कोई खास साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
दिल्ली और पंजाब की सरकारों ने नवंबर 2016 से 11 से 13 आयु वर्ग की लड़कियों का टीकाकरण शुरू किया था। तब से स्क्रीनिंग प्रोग्राम चल रहा है। इसके लिए राज्य स्तर पर ट्रेनिंग भी दी जा रही है। पोलियो टीका की तरह बालिकाओं व महिलाओं को भी मुफ्त में टीका उपलब्ध हो, इसके लिए रोटरी की ओर से पहल भी शुरू कर दी गई है। इसे कई जगहों पर उपलब्ध भी कराया गया है। समय के साथ अब कई राज्यों ने इस टीकाकरण की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ही मुख्य संचालक बल के तौर पर कार्य कर रहा है।
टीकाकरण के साथ कैंसर की जांच भी होनी चाहिए। इसकेलिए आरंभिक चरणों में इसकी पहचान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान कई लोगों ने महत्वपूर्ण सवाल भी किए। इसके डॉ.भाटिया ने बखूबी जवाब भी दिए। इसके पहले सर्वाइकल कैंसर सुपरवाइजर संगीता ने भी बीमारी को लेकर अपने विचार साझा किए।