माननीय भी काफिले के साथ एसकेएमसीएच में नहीं कर सकेंगे प्रवेश Muzaffarpur News
चाक-चौबंद होगी व्यवस्था सिर्फ सरकारी एंबुलेंस को ही मिलेगा प्रवेश। चिकित्सकों की गाड़ी को भी नहीं मिलेगा प्रवेश परिसर में नहीं होगी पार्किंग।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस पीडि़त बच्चों को देखने और उनके परिजन को सांत्वना देने के नाम पर लाव-लश्कर के साथ एसकेएमसीएच आने वाले माननीय पर भी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही। अनावश्यक भीड़ एवं नियमों की अनदेखी कर पीआइसीयू में घुसने से बच्चों का उपचार प्रभावित होने पर प्रशासन ने यहां की व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। माननीय को भी इसका पालन करना होगा। गेट नंबर दो से प्रवेश वर्जित होगा। इससे सिर्फ निकासी होगी।
एसकेएमसीएच परिसर में सामान्य वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। यहां वाहनों की पार्किंग पर भी रोक रहेगी। चिकित्सकों की गाड़ी को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। चिकित्सकों को भी अपनी गाड़ी कॉलेज परिसर में पार्क करनी होगी। सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रवेश गेट नंबर एक से ही होगा। गेट नंबर एक के पास बैरिकेडिंग की जाएगी। सिर्फ सरकारी एंबुलेंस को ही प्रवेश मिलेगा। निजी एंबुलेंस को प्रवेश नहीं मिलेगी।
इतना ही नहीं, निजी एंबुलेंस को परिसर में पार्क नहीं किया जा सकेगा। राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि समेत सभी माननीय की गाड़ी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी। जिनको जेड प्लस सुरक्षा मुहैया है, उनकी गाड़ी ही परिसर में आएगी। उनके साथ चल रहे लाव-लश्कर को अंदर नहीं आने दिया जाएगा। माननीय भी पहले अस्पताल अधीक्षक से मिलेंगे। उसके बाद ही पीडि़त बच्चों को देखने जा पाएंगे।
60 पुलिस बल व आठ दंडाधिकारी रहेंगे तैनात
एसकेएमसीएच की चाक-चौबंद व्यवस्था को लेकर यहां 60 पुलिस बल व आठ दंडाधिकारी तैनात रहेंगे। तीन शिफ्ट में पुलिस बल व दंडाधिकारी मौजूद रहेंगे। कार्य अवधि आठ घंटे की होगी। एसकेएमसीएच की सुरक्षा में तैनात निजी गार्ड भी इसमें सहयोग करेंगे। गुरुवार को एसएसपी, सिटी एसपी एवं एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार ने घंटों बैठक की। इसमें सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
ये होगी नई व्यवस्था
- गेट नंबर एक से चिकित्सक, अधिकारियों एवं सरकारी एंबुलेंस का होगा प्रवेश।
- चिकित्सकों की गाड़ी कॉलेज परिसर में होगी पार्क। लगेंगे सीसीटीवी कैमरे।
- होगी बैरिकेडिंग, सिर्फ सरकारी एंबुलेंस को ही प्रवेश।
- जेड श्रेणी के सुरक्षा वालों के वाहन को ही परिसर में प्रवेश।
- सीधे पीआइसीयू में जाने पर रोक, अधीक्षक से करना होगा संपर्क।
- गेट नंबर दो से नहीं होगा प्रवेश, हटेगा अतिक्रमण।
- 60 पुलिस बल व आठ मजिस्ट्रेट रहेंगे मुस्तैद, निजी सुरक्षा कर्मी को भी जिम्मेदारी।
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