दरभंगा : गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज कराने के बाद मातृभूमि को नमन करने आएंगे हिमांशु
दरभंगा के बेनीपुर स्थित डेकराम निवासी मनोज मिश्र के पुत्र हैं हिमांशु गांव में हो रहा होनहार पुत्र का इंतजार। एक मिनट में 171 बार फुटबॉल को किक मारकर बनाई वर्ल्ड रिकॉर्ड। गुजरात में माता पिता संग रहते हैं हिमांशु छह साल बाद आएंगे मातृभूमि को नमन करने।
दरभंगा, [दिनेश राय]। एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दरभंगा की प्रतिभा को पहचान मिली है। जिले के बेनीपुर प्रखंड के डेकराम निवासी मनोज मिश्रा व अनामिका मिश्रा के पुत्र हिमांशु मिश्रा ने एक मिनट में फुटबॉल को 172 किक मार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज कराया तो गांव में जश्न का माहौल है। लोग कहते हैं हिमांशु गांव आ रहे। मातृभूमि को नमन करेंगे। गांव के युवा की इस उपलब्धि ने मिथिला समेत पूरे बिहार का मान बढ़ाया है। अब उनके गांव आने की सूचना को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है। गांव में हिमांशु के आगमन की तिथि का इंतजार हो रहा है। ताकि उनका स्वागत पूरी तैयारी के साथ किया जा सके।
चाहते हैं लियोन मेस्सी के साथ खेलना
हिमांशु ने फुटबॉल को लगातार किक मारकर खुद की अलग पहचान बनाई है। अब उनका लक्ष्य है कि वह विश्व के महान फुटबाल खिलाड़ी लियोन मेस्सी लाने के साथ खेले। हिमांशु बताते हैं- गुजरात की सरकार ने संवारा है। लेकिन, जन्मभूमि बेनीपुर का डेकराम है।
- Photo- बेनीपुर के डेकराम स्थित फुटबॉल प्लेयर हिमांशु का घर।
छह साल की उम्र से पिता संग रह रहे गुजरात में
हिमांशु छह साल की उम्र में पिता मनोज मिश्रा और मां के साथ 2006 में गुजरात के बड़ोदरा चले गए। वो अब से छह साल पहले अपने माता-पिता के साथ गांव आए थे। गांव में पैत्रिक मकान है। लेकिन, वो कभी-कभार ही यहां आते हैं। हिमांशु के पिता वहां खुद का व्यवसाय कर रहे हैं। हालांकि शुरू के दिनों में डीएचएल कंपनी में बतौर रीजनल मैनेजर काम किया।
बचपन से था बेहतर फुटबॉलर बनने का सपना
हिमांशु को बचपन से खेल में रूचि थी। उनके पिता भी क्रिकेट के बेहतर खिलाड़ी रहे। लेकिन, उनकी प्रतिभा गांव में ही दबकर रह गई। उन्होंने हिमांशु के लिए बचपन में ही फुटबाॅल खरीद दिया था। हिमांशु के स्वजन बताते हैं - उनके पिता का भी एक ही सपना है कि एक दिन उसका पुत्र महान खिलाड़ी बने। बता दें कि दो भाईयों में बड़े हिमांशु गुजरात की आइटीएम वोकेशनल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ खेल में भी राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।
गुजरात में राज्यस्तरीय प्लेयर हैं हिमांशु
हिमांशु के स्वजनों के अनुसार उनके पिता मनोज मिश्रा व मां अनामिका मिश्रा ने हर कदम पर उनका साथ दिया है। माता-पिता के संस्कार और बेहतर मार्गदर्शन के कारण वो अभी गुजरात में राज्य स्तरीय खिलाड़ी हैं।