Move to Jagran APP

लॉकडाउन में बिहार के सीतामढ़ी से ह‍ी दिखने लगा था हिमालय, पॉल्‍यूशन बढ़ा तो हो गया ओझल

प्रदूषण की आगोश में प्रकृति फिर समाती जा रही है। लॉकडाउन में प्रदूषण घटने और पर्यावरण साफ होने से सीतामढ़ी से दिखने लगा था हिमालय। पॉल्‍यूशन बढ़ने के साथ ही हो गया ओझल।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 10:07 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 10:10 PM (IST)
लॉकडाउन में बिहार के सीतामढ़ी से ह‍ी दिखने लगा था हिमालय, पॉल्‍यूशन बढ़ा तो हो गया ओझल
लॉकडाउन में बिहार के सीतामढ़ी से ह‍ी दिखने लगा था हिमालय, पॉल्‍यूशन बढ़ा तो हो गया ओझल

सीतामढ़ी, मुकेश कुमार 'अमन'। प्रदूषण की आगोश में प्रकृति फिर समाती जा रही है। लॉकडाउन में प्रदूषण घटने और पर्यावरण साफ होने से सालों बाद सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी से सैकड़ों किलोमीटर दूर नेपाल के हिमालय की चोटियां दिखने लगी थीं। छह मई को यह तस्वीर दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई थी। प्रकृति का वह खूबसूरत नजारा अब  नहीं दिख रहा।

loksabha election banner

हिमालय की चोटियां सिंहवाहिनी से वायुमार्ग से लगभग 190 किलोमीटर और सड़क मार्ग से तकरीबन 425 किलोमीटर दूर हैं। यहां के लोग लॉकडाउन के दौरान आराम से हिमालय का दीदार कर ले रहे थे। लेकिन, अनलॉक के बाद सड़कों पर गाडिय़ों के बढऩे और कल-कारखानों की शुरुआत होने से प्रदूषण का स्तर बढऩे लगा है। साथ ही मानसून आने से पहले आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादल हिमालय को ढंकने लगे हैं। सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रीतू जायसवाल कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान दिखने वाला हिमालय, अब नहीं दिख रहा। ओझल हो गया है। 

इस संबंध में पुरातत्ववेत्ता रामशरण अग्रवाल कहते हैं कि सीतामढ़ी से हिमालय की दो पर्वत श्रृंखलाएं गणेश पर्वत हिमालय व चोयू 1970-75 तक मानसून का सीजन सितंबर में समाप्त होने व आसमान साफ होने के बाद से अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक सुबह-शाम दिखाई देती थीं। जब मकान बेतरतीब बनने लगे तो हरेक की छत से देखना संभव नहीं रहा। अभी बढ़े प्रदूषण और प्री-मानसून के बादलों के छाने से इसमें बाधा आई है।

साइंस फॉर ऑल के महासचिव मो. जियाउल्लाह कहते हैं कि सीतामढ़ी शहर में ऊंचे मकानों की छतों से पिछले माह हिमालय दिखने लगा था। अब दिखना बंद हो गया है। बता दें कि लॉकडाउन के शुरुआती समय में जब हिमालय दिखने लगा था तो लोगों की खुशी की कोई सीमा नहीं थी। यहां तक कि केवल सिंहवाहिनी पंचायत ही नहीं, कई ऐसे स्‍पॉट बन गए थे, जहां से हिमालय दिख रहा था। खासकर युवा इससे इतने खुश थे कि मोबाइल में उसे कैद कर रहे थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.