हाइटेक जालसाजों ने सरकार को लगाया चूना, सरकारी राशि को निजी खातों में किया ट्रांसफर
जिला योजना पदाधिकारी व सहायक प्रबंधक की लॉगइन हैक कर की जालसाजी। बेगूसराय के प्रभात सिन्हा के खिलाफ प्राथमिकी।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) की वेबसाइट को सहायक प्रबंधक व जिला योजना पदाधिकारी की लॉगइन आइडी से हैक किया गया था। इसके बाद यहां के डीआरसीसी के 229 आवेदनों को एक निजी खाते से जोड़कर अनुमोदित व स्वीकृत कर दिया गया। इस तरह से जालसाजी कर लाभुकों के खाते की जगह निजी खाते में सरकारी राशि को भेज दिया गया। मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना में यह फर्जीवाड़ा विभाग की शुरुआती जांच में सामने आई है। वहीं जिला योजना पदाधिकारी के आवेदन पर नगर थाना ने भी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बेगूसराय के प्रभात कुमार सिन्हा के खाते में राशि जाने से उसके खिलाफ नामजद प्राथमिकी हुई है।
नौ लाभुकों की राशि ही जा सकी खाते में
जांच में यह बात सामने आई है कि नौ लाभुकों की राशि ही फर्जी तरीके से बेगूसराय के प्रभात कुमार सिन्हा नामक व्यक्ति के खाते में जा सकी। जबकि निशाना 229 लाभुकों के आवेदनों को बनाया गया था। गनीमत रही कि योजना के 77 हजार रुपये का ही फर्जीवाड़ा हो सका। अगर सभी खाते आधार से लिंक नहीं रहते तो यह राशि काफी बड़ी हो सकती थी।
विभाग के पत्र से खुला राज
जिला योजना पदाधिकारी की लॉग इन के इस्तेमाल से फर्जीवाड़ा करने की भनक डीआरसीसी के किसी अधिकारी, कर्मचारी या जिला योजना योजना कार्यालय को नहीं लग सकी। इसका राज तब खुला जब राशि खाते में नहीं जाने की शिकायत लाभुकों ने विभाग में की। इसके बाद योजना विभाग ने छानबीन कराई। इसमें यह बात सामने आई कि 229 लाभुकों के बैंक खाते को सहायक प्रबंधक की लॉगइन आइडी से परिवर्तित कर पहले एक खाते से जोड़ दिया। इसके बाद जिला योजना पदाधिकारी की लॉगइन आइडी से आवेदनों को स्वीकृत कर दिया गया। मगर, इसकी जानकारी कई दिनों तक किसी अधिकारी या कर्मचारी को नहीं लगी। इससे योजनाओं के ऑनलाइन आवेदनों के निष्पादन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगा है।