यहां खुशियों संग जुड़ा पर्यावरण की डोर, हर शुभ अवसर पर किया जाता पौधरोपण
पश्चिम चंपारण के महनाकुली में चौकीदार ने बेटी के जन्मदिन पर शुरू की थी यह परंपरा। पौधा देना माना जाता है पुण्य 10 वर्ष में गांव में लगाए जा चुके बड़ी संख्या में पौधे।
पश्चिम चंपारण, [मनोज कुमार मिश्र]। जीवन की खुशियों संग पर्यावरण की डोर और हर शुभ अवसर पर पौधारोपण। जन्मदिन पर ग्रामीण केक नहीं काटते, बल्कि पौधे लगाते हैं। शादी-विवाह जैसे अवसर पर भी पौधारोपण, गिफ्ट में यही तोहफा। फोटो खींचकर इस पल को यादगार के रूप में रखते हैं। 10 साल पहले शुरू हुए इस अभियान के चलते चनपटिया प्रखंड के महनाकुली गांव व पंचायत में हर ओर हरियाली है।
जन्मदिन पर पार्टी देने की जगह पौधा लगाकर खुशियां साझा कीं
जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर महनाकुली में चौकीदार मारकंडेय सिंह के यहां काफी मन्नत के बाद 10 साल पहले बेटी दीपाली का जन्म हुआ। उन्होंने उसके पहले जन्मदिन पर पार्टी देने की जगह पौधा लगाकर खुशियां साझा कीं। इस अवसर पर गांव के कई लोग आमंत्रित थे। इसके बाद तो यह अभियान सा बन गया। जन्मदिन, उपनयन संस्कार, शादी या खुशी के अन्य मौके पर पौधारोपण किया जाता है। पौधे की देखभाल वही परिवार करता है।
पौधा देना भी पुण्य समझा जाता
अधिकतर लोग अपनी जमीन में ही पौधारोपण करते। जिनके पास जमीन नहीं है वे सार्वजनिक स्थान, सड़क किनारे, स्कूल परिसर या तालाब के किनारे पौधा लगाते हैं। उपहार के रूप में पौधा देना भी पुण्य समझा जाता है। चौकीदार मारकंडेय सिंह ने बताया कि बेटी अब तक आम के 10 पौधे लगा चुकी है। शादी के बाद अपने घर चली जाएगी तो यह उसकी याद दिलाते रहेंगे। ग्रामीण शतुघ्न ङ्क्षसह, प्रमोद मिश्र, ओमप्रकाश राय, संजय साह व महेंद्र साह बताते हैं कि गांव में हरियाली के प्रति प्रेम पहले से ही है। कई बुजुर्ग इधर-उधर उग आए जामुन, नीम, बरगद व पीपल सहित अन्य पौधों को लाकर सही जगह लगा देते थे। वे वृक्ष के रूप में लोगों को छाया दे रहे। मुखिया अजय सिंह का कहना है कि कई बार पौधारोपण पर स्वयं मौजूद रहा हूं। कोशिश होगी कि पंचायत के सभी गांवों के लोग इसे अपनाएं। चनपटिया विधायक प्रकाश राय का कहना है कि पौधारोपण के लिए ग्रामीणों की हर संभव मदद की जाएगी।