Move to Jagran APP

यहां झोपड़ी व पॉलीथिन के नीचे रहकर वकील निपटाते न्यायिक कार्य, बारिश में ठप हो जाता कामकाज,नहीं ली जा रही सुध

बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय का कार्य प्रारंभ हुए पांच साल बीत गए लेकिन वकीलों के बैठने के लिए वकालतखाना आज तक नहींं बन सका है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 01:37 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 01:37 PM (IST)
यहां झोपड़ी व पॉलीथिन के नीचे रहकर वकील निपटाते न्यायिक कार्य, बारिश में ठप हो जाता कामकाज,नहीं ली जा रही सुध
यहां झोपड़ी व पॉलीथिन के नीचे रहकर वकील निपटाते न्यायिक कार्य, बारिश में ठप हो जाता कामकाज,नहीं ली जा रही सुध

मधुबनी, [आमोद कुमार झा]। ये दूसरों के अधिकारों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते हैं। लेकिन इनके साथ खुद न्यायसंगत व्यवहार नहीं हो रहा है। हम बात कर रहे हैं मधुबनी जिला अंतर्गत बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय में काम करने वाले अधिवक्ताओं की। संसाधनों से महरूम होकर ये अपना काम करने को मजबूर हैं।

loksabha election banner

नहीं बना वकालतखाना

बेनीपट्टी व्यवहार न्यायालय का कार्य प्रारंभ हुए पांच साल बीत गए, लेकिन वकीलों के बैठने के लिए वकालतखाना आज तक नहीं बन सका है। नतीजा, वकील झोपडिय़ों में अपनी बैठक लगा रहे। फूस की झोपडिय़ों में, पॉलीथिन तान व पेड़ों के नीचे इनके टेबल लगते हैं। वकीलों के पास कोर्ट परिसर में बैठने के लिए और कोई जगह नहींं।

आंधी-बारिश में हो जाती स्थिति दयनीय

मुवक्किल आते हैं और झोपडिय़ों में अपने वकीलों को तलाशते हैं। सामान्य दिनों में तो किसी तरह काम चल जाता है, लेकिन आंधी या बारिश हुई तो स्थिति काफी दयनीय हो जाती है। आंधी में झोपडिय़ां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। उन्हें दुरुस्त करने के बाद ही उसमें फिर से काम शुरू हो पाता है। बारिश के दौरान खुले में काम नहीं हो पाता। जलजमाव से स्थिति और बदतर बन जाती है।

आम जनता को भी परेशनी

बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय के कार्य प्रारंभ होने के पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी अधिवक्ताओं के लिए वकालतखाना की व्यवस्था नहीं होने से वकीलों में रोष है। कोर्ट का चक्कर काटने वाली आम जनता भी इस समस्या से प्रभावित है। कोर्ट परिसर में संसाधनों का घोर अभाव है।

जमीन का नहीं हुआ सीमांकन

इस समस्या से निकट भविष्य में निजात मिलने की संभावना भी वकीलों को नजर नहीं आ रही। कारण यह है कि अब तक सिविल कोर्ट के वकालतखाना के लिए जमीन का सीमांकन भी नहीं हो पाया है। संसाधनों का भी भारी अभाव है। व्यवहार न्यायालय में मधुबनी एवं बेनीपट्टी के सैकड़ों वकील प्रतिदिन कोर्ट पहुंचते है। लेकिन, यहां पहुंचने के बाद उनका सामना समस्याओं से ही होता है।

समस्याओं के प्रति गंभीरता नहीं

अधिवक्ता अशोक कुमार झा, श्याम मिश्र, महेंद्र नारायण राय, सुशील श्रीवास्तव, सुधीर कुमार झा, संतोष कुमार झा, दशरथ बेयार प्रियदर्शी, ईश्वर चंद्र झा, विजय कुमार यादव, ललित कुमार झा, रमेश मेहता, ओमप्रकाश यादव आदि ने बताया कि व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं के लिए वकालतखाना अब तक नहीं बना है। न्यायिक कार्यों में अधिवक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.