Move to Jagran APP

Muzaffarpur Weather Forecast: मुजफ्फरपुर में आज भी तेज बारिश के आसार, इस माह अबतक 261.15 मिमी बारिश

मुजफ्फरपुर में गुरुवार को हुई 1.81 मिमी बारिश इस माह अबतक 261.15 मिमी बारिश। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 10:45 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 07:22 AM (IST)
Muzaffarpur Weather Forecast: मुजफ्फरपुर में आज भी तेज बारिश के आसार, इस माह अबतक 261.15 मिमी बारिश
Muzaffarpur Weather Forecast: मुजफ्फरपुर में आज भी तेज बारिश के आसार, इस माह अबतक 261.15 मिमी बारिश

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में गुरुवार को बारिश से हल्की राहत मिली। 24 घंटे के भीतर जिले में 1.81 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इस माह अबतक 261.15  मिमी बारिश हो चुकी है। उधर,  मौसम विभाग ने  शुक्रवार को भी बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। इधर, इस माह यह पहला मौका है जब सबसे कम बारिश हुई है। वैसे तापमान में हल्की वृद्धि हुई। अधिकतम तापमान 31 और न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री रहा। वहीं 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलती रही।  

loksabha election banner

धूप व बरसात में जिंदगी गुजारने की जद्दोजहद

औराई: अचानक आई बाढ़ में घर का सारा सामान डूब गया। मजबूरी में बागमती परियोजना बांध पर शरण लिए हुए हैं। किसी तरह प्लास्टिक खरीद कर झोपड़ीनुमा घर बनाकर जीवन जी रहे हैं। उक्त बातें बागमती परियोजना उत्तरी बांध पर रह रहे विस्थापित मो. खुर्शीद आलम ने कहीं। उन्होंने कहा कि बभनगामा पश्चिमी गांव के लोगों को आवागमन के लिए चचरी पुल बना दिए थे जिसपर लोग आवागमन करते थे और हमारा भी रोजी-रोटी चलता था। अचानक आई बाढ़ ने चचरी पुल ध्वस्त कर दिया।

 वहीं, घर में इतना पानी आ गया कि मजबूरन बांध पर आना पड़ा। यहीं के फैयाज अंसारी ने कहा कि प्रतिवर्ष बाढ़ में हमलोगों को गांव छोड़कर बांध पर आना पड़ता है। अगर सरकार हमलोगों को पुनर्वास की जमीन दे देती तो हमलोग अपनी जमीन में झोपड़ी बनाकर ही गुजर-बसर करते।  इसी गांव के दीपलाल चौधरी, कौशल राम ने बताया कि घर में पानी घुस आने के कारण सारा सामान भींग गया। किसी तरह नाव से सामान बांध पर लाए और झोपड़ी में रखे।

 बरसात और धूप से बचाव के लिए प्लास्टिक खरीद कर झोपड़ीनुमा घर बनाए हैं जिसमें  किसी तरह जीवन यापन चल रहा है। मो. कलाम, अनिल चौधरी ने कहा कि अब तक सरकारी स्तर पर कोई सामान नहीं मिला है। बांध पर पहले से जो चापाकल लगा है, उसमें पानी के साथ मिट्टी देता है, दूर से स्वच्छ पानी लाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि जलावन और पशुओं के लिए रखा भूंसा भींगकर बर्बाद हो गया है। वहीं, हरे चारे की भी किल्लत हो गई है। सभी जगह खेत डूब जाने से हरे चारे की समस्या हो गई है। बागमती परियोजना दक्षिणी बांध पर चिलचिलाती धूप में एक झोपड़ीनुमा मचान पर बैठी कौशल्या देवी, राधा देवी, रानी देवी ने कहा कि बरसात व धूप में बचने का यही सहारा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.