Move to Jagran APP

Cbse 10th result 2020 : बच्चों का पढ़ने में लगने लगा है दिल, शत-प्रतिशत आ रहे रिजल्ट

Cbse 10th result 2020 इस साल एक भी बच्चे को नहीं लगा कंपार्ट ।पिछले साल कुछ विद्यालयों के एक या दो परीक्षार्थियों के किसी एच्छिक विषय में क्रॉस लग गया था।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 07:28 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 07:28 AM (IST)
Cbse 10th result 2020 : बच्चों का पढ़ने में लगने लगा है दिल, शत-प्रतिशत आ रहे रिजल्ट
Cbse 10th result 2020 : बच्चों का पढ़ने में लगने लगा है दिल, शत-प्रतिशत आ रहे रिजल्ट

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Cbse 10th result 2020 : बच्चों में पढऩे की प्रवृत्ति बढ़ी है। यहीं कारण है कि इस बार के सीबीएसई 10वीं बोर्ड के रिजल्ट में परीक्षार्थियों ने शत-प्रतिशत बाजी मारी है। पिछले साल की तुलना में देखा जाए तो इस साल एक भी परीक्षार्थी को कंपार्ट नहीं लगा है। वहीं, पिछले साल कुछ विद्यालयों के एक या दो परीक्षार्थियों के किसी एेच्छिक विषय में क्रॉस लग गया था। इस बार किसी भी स्कूल से एक भी परीक्षार्थी के फेल होने की सूचना किसी ने नहीं दी है। हालांकि कुछ परीक्षार्थी अखबार के दफ्तर में फोन कर सीबीएसई 10वीं बोर्ड की कंपार्टमेंटल परीक्षा के बारे में जानने का प्रयास किया। फिलहाल, सीबीएसई की ओर से कोई दिशा निर्देश नहीं आने से इस दिशा में ठोस जवाब नहीं दिया जा सका।

loksabha election banner

बच्चे ले रहे इंटरनेट का सहारा

सीबीएसई के स्कूल संचालकों से बात करने पर पता चला है कि इस बार सौ फीसद रिजल्ट आया है। होली मिशन सीनियर सेकेंड्री स्कूल के निदेशक डॉ. जीके मल्लिक ने बताया कि 10वीं की परीक्षा पास करना काफी आसान है। डिजिटल युग का सहारा लेकर बच्चे कम समय में सब कुछ समझ जाते हैं। इंटरनेट, गूगल, यूट्यूब से बच्चे गणित के कठिन प्रश्न तक हल कर रहे हैं।

आंतरिक मूल्यांकन का पूर्णांक 20 और बाह्य का15

वहीं, दूसरी ओर सीबीएसई में आंतरिक मूल्यांकन का पूर्णांक 20 है और बाह्यï 15 है। पास करने के लिए केवल 33 अंक चाहिए। सीबीएसई का शायद ही कोई बच्चा होगा जो 33 अंक प्राप्त नहीं सकता। इसलिए बच्चे को पास करने के लिए आंतरिक व बाह्यï मूल्यांकन काफी है। बच्चे अंगे्रजी माध्यम से पढ़ते हैं। कॅरियर के प्रति भी सजग रहते हैं। इसलिए उनका रिजल्ट शत-प्रतिशत आ रहा। इधर इंद्रप्रस्थ के निदेशक सुमन कुमार बच्चों के अंक कम आने की बात कह रहे। उनके पास कई बच्चों के स्वजन फोन कर अंक कम आने की बात कह रहे। कुछ लोग बिहारी बच्चों के रिजल्ट को कम मूल्यांकन की बात कह रहे। वहीं, अधिक आइएएस व आइपीएस बच्चे बिहार के निकलते हैं। टैलेंटेड बच्चों के लिए अंक कोई मायने नहीं रखते। बोर्ड में कम अंक आने के बाद भी वे अच्छा करते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.