समीर हत्याकांड : जेल में बंद श्यामनंदन की जमानत अर्जी पर जिला जज के यहां सुनवाई, कोर्ट ने मांगी डायरी
सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद जिला जज के कोर्ट में दाखिल की अपील अर्जी। जिला जज ने निचली अदालत से मांगी केस डायरी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। समीर कुमार हत्याकांड में जेल में बंद आरोपित श्यामनंदन मिश्र की जमानत की अपील अर्जी पर सोमवार को जिला जज के कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। उसकी ओर से अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बहस की। कहा कि स्वीकारोक्ति बयान के अलावा उसके खिलाफ कोई साक्ष्य पुलिस ने चार्जशीट में शामिल नहीं किया है। उसकी जमानत की अपील अर्जी का लोक अभियोजक केएन सिंह ने विरोध किया। कहा कि श्यामनंदन के विरुद्ध इस हत्याकांड में संलिप्तता के पर्याप्त साक्ष्य हैं। जिला जज ने निचली अदालत से मामले से संबंधित केस डायरी मांगी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 फरवरी मुकर्रर की है। इससे पहले श्यामनंदन की ओर से सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। इसकी सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उसकी ओर से जिला जज के कोर्ट में अपील अर्जी दाखिल की गई।
सुशील छापडिय़ा के स्वीकारोक्ति बयान से खुला था राज
जमीन के सौदे में 98.50 लाख रुपये धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सुशील छापडिय़ा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने स्वीकारोक्ति बयान में पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड का राज खोला था। उसी ने हत्याकांड की साजिश रचनेवालों में श्यामनंदन मिश्र व शूटर के रूप में गोविंद और सुजीत सहित अन्य के नाम बताए थे। इसी के आधार पर गोविंद और सुजीत के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट से वारंट लिया था। बाद में दोनों को गिरफ्तार भी किया गया। गोविंद के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह व रणंजय उर्फ ओमकार की गिरफ्तारी हुई थी।