Move to Jagran APP

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले- एईएस पर पटना में शुरू हो गया शोध कार्य, शीघ्र ही मुजफ्फरपुर में भी होगा

स्वास्थ्य मंत्री ने की विभागीय समीक्षा पीकू वार्ड का किया निरीक्षण। एसकेएमसीएच में कोरोना जांच की बढ़ेगी क्षमता मिली नई मशीन।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:37 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:37 PM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले- एईएस पर पटना में शुरू हो गया शोध कार्य, शीघ्र ही मुजफ्फरपुर में भी होगा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले- एईएस पर पटना में शुरू हो गया शोध कार्य, शीघ्र ही मुजफ्फरपुर में भी होगा

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि बच्चों के लिए जानलेवा बनी एईएस यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम पर शोध कार्य शुरू हो गया है। आइजीएमएस पटना ने इस पर काम शुरू किया है। शीघ्र ही यह काम मुजफ्फरपुर में होगा। उन्होंने एसकेएमसीएच अधीक्षक से शोध के लिए पीडि़त बच्चे की रीढ़ के पानी का नमूना नियमित भेजने पर बल दिया। सिविल सर्जन को टास्क दिया गया कि वह एक जुलाई से पहले सदर अस्पताल परिसर में बने मातृ-शिशु सदन में सेवा शुरू करें।

loksabha election banner

 सीटी स्कैन की सेवा शीघ्र चालू की जाए। एक जुलाई तक इसकी रिपोर्ट करें। उसके बाद आगे सरकार स्तर पर देखा जाएगा कि सेवा शुरू करने में कौन बाधा बन रहा है। एसकेएमसीएच में कोरोना वायरस की जांच की गति तेज करने के लिए एक और ऑटोमेटिक मशीन मिल गई है। इसके लिए तकनीकी परीक्षण का काम पूरा हो गया है। दो से तीन दिन के अंदर नई मशीन से जांच शुरू हो जाएगी। उसके बाद जांच की क्षमता प्रतिदिन एक हजार तक होगी। इससे जांच पेंडिंग का मामला नहीं रहेगा।

 स्वास्थ्य मंत्री समाहरणालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करने के बाद पीकू वार्ड पहुंचे और वहां निरीक्षण किया। स्वजनों के ठहरने के लिए बने धर्मशाला में जाकर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया। भवन निर्माण में लगी एजेंसी के प्रोजेक्ट प्रबंधक बृजमोहन से सारी जानकारी ली। समय पर भवन निर्माण का काम पूरा करने पर बधाई दी। एईएस व कोरोना को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रभावकारी काम किए जाने की सराहना की। कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों और पारामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने की पहल चल रही है। 

स्वास्थ्य योजनाओं की हो सख्त निगरानी 

सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि इस साल एईएस से जुड़े कुल 54 मरीज आए, जिसमें 26 मुजफ्फरपुर और 28 अन्य जिले के हैं। इनमें सात की मौत हुई और शेष बच्चे स्वस्थ होकर घर चले गए। स्वास्थ्य मंत्री ने एईएस व कोरोना को लेकर बेहतर काम करने पर जिलाधिकारी, सिविल सर्जन व पूरी टीम को बधाई दी। साथ ही जिले में चल रहे नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, दवा, चिकित्सीय उपकरणों एवं एंबुलेंस की उपलब्धता, कालाजार नियंत्रण और प्रधानमंत्री जन-आरोग्य अभियान के अंतर्गत गोल्डन कार्ड वितरण की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अब धीरे-धीरे स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य की जाएं। आम लोगों को जागरूक किया जाए कि वह खुद बचें और दूसरों को भी बचाएं। 

समीक्षा बैठक में इनकी रही भागीदारी 

बैठक में वैशाली सांसद वीणा देवी, विधान पार्षद पूर्व मंत्री देवेशचंद्र ठाकुर, विधायक अशोक सिंह, बेबी कुमारी व केदार गुप्ता, जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह, एसकेएमसी प्राचार्य डॉ. विकास कुमार, एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही, जिला कोविड नियंत्रण कक्ष के प्रभारी डॉ.सीके दास, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. कमल सिंह, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बीपी वर्मा, जिला वित्त प्रबंधक अफरोज हैदर, जिला मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर सहित जिले के सभी पीएचसी प्रभारी थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.