बिहार के मुजफ्फरपुर में विदेश से आए 46 ट्रेसलेस लोग बने सिर दर्द, तलाश में खाक छान रहा विभाग
104 हेल्प लाइन नंबर डायल कर ले सकते चिकित्सीय परामर्श। दुबई और अमेरिका से आए युवकों को जांच के लिए पहुंचाया गया एसकेएमसीएच।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित कोई मरीज नहीं मिला है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी चौकसी बरत रहा है। वहीं, 46 लोग ट्रेसलेस हंै। ये सभी शासन-प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हैं। इनमें कितने कोरोना के संदिग्ध हैं ये पता नहीं चल रहा है। दुबई और अमेरिका से मोतीपुर व मीनापुर में आए एक-एक युवक को संदिग्ध मानते हुए रविवार को एसकेएमसीएच भेजा गया। वहां उनका नमूना संग्रह किया गया।
एकांतवास में रखा 69 लोगों को
रविवार को विदेश से किसी नए व्यक्ति के आने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिली है। पहले से अब तक विदेश से 115 लोग जिले में आए हैं। इसमें 69 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है। संबंधित पीएचसी प्रभारी व आशा उन पर नजर रख रही हैं। वहीं, 46 लोगों की खोज में आशा के साथ पंचायत प्रतिनिधि जुटे हैं। एसीएमओ डॉ.विनय कुमार शर्मा ने कहा कि पूर्व से क्वारंटाइन में रह रहे 12 लोगों की 14 दिनों की समय सीमा समाप्त होने के बाद संदिग्ध की सूची से हटा दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग का ताजा अपडेट
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विदेशों से 115 लोग आए हैं। 69 लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है। ये सभी चीन, जापान, कोरिया, इटली, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, हांगकांग, सिंगापुर, थाइलैंड, मलेशिया, कोरिया, डेनमार्क, वियतनाम, इंडोनेशिया, दुबई, मास्को व बंगलादेश, लंदन, अमेरिका नेपाल से आए हैं।
बीमारी के लक्षण
खांसी आना, सांस फूलना, निमोनिया, जुकाम, बुखार, किडनी के प्रभावित होने जैसे लक्षण हों तो चिकित्सक से तुरंत परामर्श लें।
सदर अस्पताल में पांच बेड का विशेष वार्ड
सदर अस्पताल में इलाज के लिए पांच बेड का विशेष वार्ड बनाया गया है। यहां एएनएम का रोस्टर बनाया गया है। मरीज पहले इमरजेंसी में आएगा। वहां से पूछताछ के बाद लक्षण मिलने पर उन्हें सीधे एंबुलेंस से एसकेएमसीएच भेजा जाएगा।
निजी क्लीनिक पर मरीज देखने से कर रहे परहेज
शहर के प्रमुख चिकित्सक अपने निजी क्लीनिक पर भीड़ से बच रहे हैं। इमरजेंसी सेवा ही मिल रही है। एसकेएमसीएच के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.कमलेश तिवारी ने कहा कि वह केवल गंभीर रूप से बीमार मरीजों को ही सेवा दे रहे हैं। आम लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वह स्वास्थ्य संबंधी ज्यादा परेशानी नहीं हो तब तक चिकित्सक से मिलने का प्रयास नहीं करें। क्योंकि चिकित्सक भी हाई रिस्क में हैं। डॉ.एके दास ने कहा कि 31 मार्च तक वह केवल इमरजेंसी मरीजों को सेवा देंगे। आम लोगों को सलाह दी कि अगर हल्की परेशानी हो तो अस्पताल या चिकित्सक के पास जाने से परहेज करें।