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कार्तिक पूर्णिमा पर नदी के तट पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान, पूजा कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना

बूढ़ी गंडक के विभिन्न घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, तड़के सुबह से ही आने लगे लोग। स्नान के बाद निभाई दान की परंपरा, भक्ति गीतों से गूंजते रहे घाट।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 10:50 AM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 10:50 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा पर नदी के तट पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान, पूजा कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना
कार्तिक पूर्णिमा पर नदी के तट पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान, पूजा कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शुक्रवार को बूढ़ी गंडक के विभिन्न घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई। इसके लिए तड़के सुबह से ही लोग नदी की ओर आने लगे थे। घाट पर भक्ति गीत बज रहे थे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि घाट पर सही से पैर रखना भी मुश्किल हो गया था। स्नान के बाद महिलाओं ने दीप जलाकर मां गंगा की पूजा की। घाट पर साफ-सफाई के साथ लाइटिंग की भी व्यवस्था थी, ताकि श्रद्धालुओं को स्नान करने में कोई परेशानी न हो।
मंदिरों में की पूजा-अर्चना
स्नान के बाद भक्तों ने मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना भी की। इस कारण बाबा गरीबनाथ मंदिर सहित विभिन्न देवालयों में भक्तों की भीड़ रही। लोगों ने पूजा-अर्चना कर ईश्वर से आरोग्य व सुख-समृद्धि की कामना की। संध्या समय कई मंदिरों में दीपोत्सव व भजन-कीर्तन का भी आयोजन हुआ। कई जगह भंडारा भी हुए। जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
मेले का लिया आनंद
कार्तिक पूर्णिमा पर शहर के अखाड़ाघाट में लगने वाले मेले को लेकर बच्चे संग बुजुर्ग व महिलाओं में काफी खुशी थी। सबने मेले में खूब खरीदारी की। बच्चे अपनी मां व अभिभावकों से तरह-तरह के खिलौने एवं अन्य सामान खरीदने की जिद करते दिखे। उन्होंने तरह-तरह के झूले का भी आनंद लिया। कार्तिक पूर्णिमा स्नान को आए लोगों ने मेले में बिक रहे खाने के सामान का भी खूब लुत्फ उठाया। मेले में खिलौने बेचने वाले दुकानदारों की चांदी रही।
यजमानों ने किए दान
लोगों ने स्नान के बाद जमकर दान-पुण्य किए। इस अवसर पर गोदान की चली आ रही परंपरा लुप्त होती नजर आई। पंडितों द्वारा अक्षत, फूल व जल से गोदान का संकल्प कराया जा रहा था, लोग गोदान के लिए यथासंभव कुछ राशि दे रहे थे। पंडितों ने बताया कि अब घाट पर गायों को लेकर संभव नहीं और गायें भी इतनी महंगी हो गई है कि उसे खरीद पाना मुश्किल है। इसलिए अब भक्तों को गोदान का संकल्प करा उसके बदले कुछ राशि ली जाती है।
लगा रहा जाम

पूर्णिमा के अवसर पर नदी घाटों पर स्नान को उमड़ी भीड़ व मेले के कारण शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों में दिनभर जाम की स्थिति रही। इसके कारण चंद मिनटों का रास्ता घंटे में तय करना पड़ा। पैदल चलने में भी परेशानी हो रही थी। पुलिस प्रशासन की ओर से जगह-जगह से जाम हटवाया गया।
घाटों के पास दिखी पुलिसिया व्यवस्था

गंगा स्नान को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे। मेले में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इस पर पैनी नजर रखी जा रही थी। अखाड़ाघाट, आश्रम घाट, सिकंदरपुर स्थित सीढ़ी घाट, लकड़ीढाई आदि घाटों के पास पुलिस जवान पूरी तरह मुस्तैद दिखे।
मेले में खोने वाले की होती रही पुकार
स्नान के लिए आए श्रद्धालु व बच्चे मेले में भीड़ की वजह से परिजनों से बिछुड़ गए। ऐसे लोगों के लिए सिकंदरपुर नाका के पास सूचना प्रसारण का इंतजाम किया गया था। बिछुड़े लोगों को ढूंढने के लिए मेला समिति द्वारा माइक से पुकार किया जा रहा था। इसमें बच्चों की संख्या अधिक थी।
आश्रम घाट पर की गई गंगा महाआरती

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर संध्या समय आश्रम घाट स्थित निर्माणाधीन सूर्य मंदिर के पास गंगा महाआरती का आयोजन हुआ। बाबा गरीबनाथ धाम के पुजारी पंडित अभिषेक पाठक ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मां गंगा की आरती की। इसमें पंडित राघव ठाकुर, पंडित अरविंद ठाकुर, पंडित मनोज मिश्रा, पंडित नवीन ठाकुर आदि शामिल हुए।
गरीबनाथ मंदिर में मनी देव दीपावली
इधर, बाबा गरीबनाथ मंदिर सहित विभिन्न देवालयों में देव दीपावली मनाई गई। लोगों ने घी के दीये जलाए। बाबा गरीबनाथ मंदिर में पुजारी पं.अभिषेक पाठक संग पुजारियों ने 2100 दीये जलाकर बाबा के दरबार को रोशन किया गया।

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