अखंड सौभाग्यदायक है हरितालिका तीज
अखंड सौभाग्य के लिए किया जाने वाला व्रत हरितालिका तीज इस बार 12 सितंबर को है।
मुजफ्फरपुर। अखंड सौभाग्य के लिए किया जाने वाला व्रत हरितालिका तीज इस बार 12 सितंबर को है। इसे लेकर व्रतियों में जबर्दस्त उत्साह है। व्रत की तैयारी शुरू कर दी गई है। रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं. रमेश मिश्र बताते हैं कि भाद्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत रखा जाता है। इसमें महिलाएं अपने पति के सुख-सौभाग्य व आरोग्य लाभ के लिए माता गौरी की पूजा करती हैं। यह सुहागिनों के लिए अहम पर्व है। इसमें सुहागिनें पूरी निष्ठा के साथ पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर को पाने के लिए माता पार्वती ने भी यह व्रत किया था। जिसमें उन्होंने अन्न-जल भी ग्रहण नहीं किया था। इसलिए महिलाएं यह व्रत निर्जला रखती हैं। व्रत में भगवान शिव के साथ माता पार्वती व गणपति की पूजा की जाती है। कई कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत रखती हैं।
बोली व्रतियां
यह हिन्दु महिलाओं का बड़ा त्योहार है। इसमें भारतीय महिलाएं विवाह को पारिवारिक संबंधों का बंधन मानती हैं। और परिवार के समग्र कल्याण के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।
- रीना सिंह, एडिटर, इनरह्वील क्लब ऑफ मुजफ्फरपुर सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार मैं पिछले 12 सालों से यह निर्जला व्रत करती आ रही हूं। पति की दीघार्यु की कामना को लेकर यह व्रत किया जाता है।
- अनामिका गुप्ता, सरैयागंज व्रत का नियम है कि एक बार शुरू करने पर हर साल पूरे नियम से किया जाता है। रात्रि जागरण भी करते हैं। पति की आरोग्यता व लंबी आयु के लिए मैं आठ साल से व्रत कर रही हूं।
-पुतुल तिवारी, विष्णुदत्तपुर, कांटी व्रत में पूरी रात भजन-कीर्तन चलता रहता है। यह पूरी तरह निर्जला किया जाता है। यहां तक कि इसमें महिलाएं थूक भी नहीं निगल सकती हैं।
-अनु गुप्ता, गोबरसही