वेतन शीर्ष हेरफेर करने वाले लिपिक की नौकरी पर लटकी तलवार Muzaffarpur News
सिविल सर्जन ने बनाई जांच टीमजवाबदेहों की होगी पहचान। तत्काल फायदा के लिए कर दी शीर्ष में हेराफेरीवेतन संकट।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन। अपने हित के लिए विभागीय नियम की अनदेखी कर वेतन शीर्ष बदलने वाले लिपिकों की नौकरी फंसेगी। वित्तीय अनियमितता करने वालों की पहचान के लिए सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने जांच टीम गठित की है। टीम एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। सीएस ने राशि रहते वेतन नहीं मिलने के मामले पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी की नौकरी का शीर्ष बदलने का अधिकार राज्य मुख्यालय तक को नहीं है। यहां पीएचसी में बैठे लिपिक ने पूरी फाइल ही बदल दी। यह गंभीर मामला है। उन्होंने बताया कि बिहार चिकित्सा एवं जनस्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ (सेवांजलि) की जिला महामंत्री कुमारी शोभा के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने शिकायत की थी कि आवंटन रहते हुए वेतन नहीं मिल रहा है। पांच माह से वेतन के अभाव में एएनएम आर्थिक संकट में है। यह सब वेतन शीर्ष की गड़बड़ी से हुआ है।
इस तरह बरती अनियमितता
सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2006 से बाद बहाल एएनएम का भुगतान 2006 से पहले बहाल एएनएम की शीर्ष संख्या 2211 से किया जा रहा है। जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से 2211 शीर्ष में एएनएम की संख्या काफी कम है। 2210 में अधिक संख्या होने से करोड़ों की राशि का आवंटन हुआ है। शीर्ष बदलने के बाद कुछ दिन भुगतान हुआ। इधर यह संकट गहरा गया है। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि समय पर वेतन नहींं मिलना गंभीर मामला है। एसीएमओ डॉ.हरेंद्र आलोक व डॉ.सीएस प्रसाद की टीम बनाकर जांच का आदेश दिया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद सख्त कार्रवाई होगी।