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उत्‍तर बिहार के बैंकों में भी लटके ताले, ग्राहकों को हो रही परेशानी

बैंक कर्मियों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध समेत कई मांगों के समर्थन में सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। हालांकि एसबीआइ हड़ताल में शामिल नहीं रहा मगर आंदोलनकारियों ने जगह जगह प्रदर्शन कर बैंकों को बंद कराया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 01:12 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 01:12 PM (IST)
उत्‍तर बिहार के बैंकों में भी लटके ताले, ग्राहकों को हो रही परेशानी
न केवल बैंक वरन डाकघर जैसे अन्‍य प्रतिष्‍ठान भी अभी बंद हैं। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ‌सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर गुरुवार को व्यावसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक बंद रहे। यह हाल मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्‍तर बिहार के जिलों का है। न केवल बैंक वरन डाकघर जैसे अन्‍य प्रतिष्‍ठान भी अभी बंद हैं। शहर से लेकर गांव तक के सभी बैंक शाखाओं में ताले लटके रहे हैं। बैंक कर्मियों ने बैंकों के निजीकरण के विरोध समेत कई मांगों के समर्थन में सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। हालांकि एसबीआइ हड़ताल में शामिल नहीं रहा, मगर आंदोलनकारियों ने जगह जगह प्रदर्शन कर बैंकों को बंद कराया।

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एटीएम सेवा भी बाधित

हड़ताल की वजह से एटीएम सेवा भी बाधित रहे। कई जगहों पर आंदोलनकारियों ने एटीएम को भी बंद करा दिया। इससे शहर से लेकर गांव तक लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंक ऑफ इंडिया के मिठनपुरा चौक स्थित रीजनल ऑफिस के समक्ष धरना दिया एवं सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की वहीं कलमबाग चौक स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के प्रधान कार्यालय के समक्ष भी बैंकरों ने धरना देते हुए नारेबाजी की।

पेंशन योजना के कार्यान्वयन की मांग

हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन, बैंक इम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इण्डिया और यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक आदि शामिल रहे। सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन की सामान्य मांगों के अतिरिक्त बैंक यूनियनों ने सार्वजनिकि क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने, बैंकों में जमा राशि पर व्याज बढाने, कारपोरेट घरानों से एनपीए ऋण की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई करने, अस्थायी कर्मियों का नियमितीकरण, आउटसोर्सिगो पर प्रतिबंध, खिली पदों पर अविलंब नियुक्ति, 31 मार्च 2010 के बाद योगदान करने वाले बैंक कर्मियों के लिये एनपीएस के बजाए पुराने पेंशन योजना का कार्यान्वयन और ग्रामीण बैंकों में प्रायोजक व्यावसायिक बैंकों के साथ ही 11वें द्विपक्षीय वेतन समझौता को 01 नवम्बर 2017 के प्रभाव से पूर्णतः लागू करने की मांग की।

दरभंगा में हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं प्रभावित, जगह-जगह प्रदर्शन

दरभंगा : ट्रेड यूनियनों के देशव्यापी हड़ताल के तहत गुरुवार को विभिन्न संगठनों ने शहर में उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान बैंकिंग व इंश्योरेंस सेक्टर की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। वहीं दूसरी ओर हड़ताल का सरकारी काम काज पर भी बुरा प्रभाव पड़ा। विभिन्न संगठन के लोगों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप उग्र प्रदर्शन कर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा- केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण लोगों से रोजगार छीन रहा है। लोग बेरोजगार हो रहे हैं। महंगाई बढ़ती जा रही है। केंद्र की नीतियां श्रम व मजदूर विरोधी है। 


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