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Muharram के अखाड़े में लाठी भांजने के दौरान विवाद, तलवारबाजी में आधा दर्जन लोग घायल

Muharram 2020 सीएचसी बना रणक्षेत्र गंभीर हालत में तीन एसकेएमसीएच रेफर। लोगों की सूचना पर बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शांत कराया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 10:46 AM (IST)
Muharram के अखाड़े में लाठी भांजने के दौरान विवाद, तलवारबाजी में आधा दर्जन लोग घायल
Muharram के अखाड़े में लाठी भांजने के दौरान विवाद, तलवारबाजी में आधा दर्जन लोग घायल

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muharram 2020 :  मुशहरी थाना क्षेत्र के तरौरा गांव में शनिवार की रात्रि 9 बजे मोहर्रम के अखाड़ा में लाठी (बाना) भांजने के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। थोड़ी ही देर में दोनों पक्षों से तलवारबाजी होने लगी जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए। लोगों की सूचना पर बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद लोगों को शांत कराकर घायलों को सीएचसी भेजा।

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दोनों पक्षों से तलवार चलने लगी

ग्रामीणों ने बताया कि मोहर्रम के अखाड़ा में मो. अजमद बाना भांज रहा था। इसी दौरान उसका मो कालू से विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों से तलवार चलने लगी, पथराव होने लगा जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज सीएचसी में कराया गया। डॉ. अरुण कुमार ने मो. इब्राहिम, मो. सलामत व मो. आफताब को गंभीर हालत में एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। सीएचसी से रेफर होकर निकलते समय दोनों पक्षो में कहासुनी हो गई और फिर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए जिन्हें शांत कराने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस मामले में थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि अबतक दोनों पक्षों द्वारा आवेदन नहीं मिला है। आवेदन मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। लोगों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर मोहर्रम के अखाड़े में भारी भीड़ जमा कर खेल हो रहा था। मौके पर अवर निरीक्षक राकेश यादव, सअनि तेजनारायण राम सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे। स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में बताई गई है। 

यौमे आशूरा आज, घरों में ही मातम करेंगे शिया समुदाय, नहीं निकलेगा जुलूस

मोहर्रम की 10 तारीख यानी यौमे आशूरा के मौके पर रविवार को इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाएगा। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर प्रशासन द्वारा किए गए लॉकडाउन से शिया समुदाय घर पर ही मातम करेंगे। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने से मातम जुलूस नहीं निकाला जाएगा।  हालांकि समुदाय के कुछ लोग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कर्बला तक जाएंगे और इमाम हुसैन को सलामी पेश करेंगे। इधर सुन्नी समुदाय की ओर से भी ताजिया व अखाड़ा जुलूस नहीं निकाला जाएगा। नौ मोहर्रम को होने वाले आग मातम को भी स्थगित कर दिया गया। कमरा मोहल्ला शिया मस्जिद के इमाम मौलाना सैयद काजिम शबीब ने बताया कि प्रशासन के आदेश का पालन करते हुए इस बार मोहर्रम का जुलूस नहीं निकाला जाएगा। लोग बारी-बारी से कर्बला जाएंगे और इमाम हुसैन को अपनी अकीदत पेश करेंगे। मौलाना ने कहा कि सुबह नौ बजे इमामबाड़े में मजलिस का आयोजन होगा। इसमें लोग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए शामिल होंगे। दोपहर तीन बजे फूल की मजलिस और शाम को शामे गरीबा की मजलिस का आयोजन कर कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन की शहादत के बाद हुसैनी खेमे के गमगीन माहौल को दर्शाया जाएगा।

शहादत को याद कर मातम किया

इधर, शनिवार को शिया समुदायों ने घरों में मजलिस का आयोजन कर इमाम हुसैन की शहादत को याद कर मातम किया। इस दौरान या हुसैन या हुसैन की सदा से माहौल गमगीन हो गया। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी या हुसैन की सदा लगाते हुए अपने सीने को पीट रहे थे। लोगों ने घरों में ही मातम किया। हालांकि कुछ जगहों पर मातम करने वालों की भीड़ नजर आई। 


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