परिवार की चिंता छोड़ पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रहे ज्ञानदेव Muzaffarpur News
पर्यावरण बचाने का संकल्प लेकर कर चुके 11 राज्यों की साइकिल यात्रा। शहर के स्कूलों में जाकर नई पीढ़ी में जगा रहे पर्यावरण संरक्षण की अलख।
मुजफ्फरपुर, [प्रमोद कुमार]। पेशे से शिक्षक ज्ञानदेव चौधरी परिवार की चिंता छोड़ पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रहे। इस संकल्प के साथ अपने मित्र सुनील कुमार सिंह के साथ साइकिल से 11 राज्यों की यात्रा कर नई पीढ़ी में इसकी अलख जगा रहे। वे इसमें एक दशक से लगे हैं। स्टेशन पर रात काटने के बाद दिन में किसी न किसी स्कूल में जाकर बच्चों की चौपाल लगाते हैं और पर्यावरण दूत बनने को प्रेरित करते। वैसे तो ज्ञानदेव चौधरी पटना के बाढ़ गांव के निवासी हैं, लेकिन इन दिनों मुजफ्फरपुर में कैंप कर रहे।
कर चुके छह हजार किमी की साइकिल यात्रा
फक्कड़ मिजाज के चालीस वर्षीय ज्ञानदेव चौधरी 'हर शहर एवं गांव हरा-भराÓ का संदेश लेकर 28 मई 2014 को सुनील के साथ साइकिल से यात्रा पर निकल पड़े थे। पटना से उन्होंने अपनी साइकिल यात्रा शुरू की और उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश होते हुए छह हजार किमी की दूर तय कर बिहार लौटे। यात्रा के दौरान आनेवाले गांव एवं शहर में डेरा डाल लोगों को फलदार पौधे लगाने तथा रासायनिक खेती के बदले जैविक खेती करने की अपील करते।
सेवा भाव से चला रहे मुहिम
इस काम के एवज में उन्हें कुछ नहीं मिलता। कोई आमदनी भी नहीं। वे सेवा भाव से दूसरों के लिए आगे बढ़ रहे। इसे ही वे कमाई मानते हैं। रोजी-रोटी के लिए गांव में स्टेशनरी की छोटी सी दुकान चलाते हैं। उन्हें अक्सर आर्थिक तंगी से भी दो-चार होना पड़ता है, मगर ग्रीन सिटी क्लीन सिटी के सपने के आगे यह नहीं खटकता। बताते हैं कि वर्ष 2012 में चिपको आंदोलन के जनक सुंदरलाल बहुगुणा से उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने समय निकालकर स्कूलों में जाकर बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का संकल्प लिया।
इस बारे में पूर्व उपमहापौर सैयद माजिद हुसैन ने कहा कि ज्ञानदेव चौधरी के कार्यों ने उन्हें प्रभावित किया है। स्टेशन पर रात काट बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे। उनका यह प्रयास सराहनीय है।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप