स्नातक पार्ट टू के खराब रिजल्ट को लेकर दूसरे दिन भी हंगामा
तमाम परीक्षा और रिजल्ट का हश्र देख आशंका व संभावनाओं के बीच स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट भी खराब होने से आक्रोशित छात्राओं ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी हंगामा किया।
मुजफ्फरपुर। तमाम परीक्षा और रिजल्ट का हश्र देख आशंका व संभावनाओं के बीच स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट भी खराब होने से आक्रोशित छात्राओं ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी हंगामा किया। कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय तक दौड़ लगाई। नंबर जानने के लिए टेबुलेटरों को खोजती हुई छात्राओं का हुजूम एलएस कॉलेज परीक्षा भवन पहुंचकर हंगामा करने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मारे डर दोनों टेबुलेटर अशोक कुमार सिंह व लक्ष्मेश्वर ठाकुर कॉपी जांच छोड़ खिसक गए। हल्ला-हंगामा की सूचना पाकर प्राचार्य प्रो. ओपी राय भी पहुंच आए। एमडीडीएम की छात्राओं ने कहा कि हम हार मानने वालों में नहीं हैं और पूरी लड़ाई लड़ेंगी। इसीलिए वाट्सएप पर फाइटर ग्रुप बनाया है और आर-पार की लड़ाई के लिए सबको गोलबंद कर रही हैं। उनका कहना है कि अविलंब रिजल्ट में सुधार नहीं हुआ तो तो विश्वविद्यालय कैंपस में अनशन शुरू करेंगी। उधर, वीसी-रजिस्ट्रार व कंट्रोलर समेत सबने खराब रिजल्ट के सिलसिले में खामोशी साध रखी है। एलएस कॉलेज के प्राचार्य ने समझाकर लौटाया
उधर, टेबुलेटरों को खोजते छात्राओं का हुजूम एलएस कॉलेज परीक्षा भवन पहुंच गया। लड़कियां वहां जबरन परीक्षा भवन के अंदर घुस गई। हल्ला-हंगामा की सूचना पाकर प्राचार्य प्रो. ओपी राय पहुंचे। टेबुलेटरों से मिले बिना छात्राएं परीक्षा भवन से निकलने को तैयार न थीं। प्राचार्य ने समझाया कि यहां पार्ट वन की कॉपी जांची जा रही है। पार्ट टू के रिजल्ट के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों से जाकर मिलें। छात्राओं ने कहा कि सूचना मिली है कि पार्ट टू के टेबुलेटर यहां कॉपी जांच रहे हैं तो उनसे मिलकर अपना रिजल्ट और नंबर जानने हमसब आई हैं। एमडीडीएम प्राचार्या को छात्राओं ने सौंपा आवेदन
एमडीडीएम कॉलेज की लगभग डेढ़ सौ छात्राएं किसी न किसी सब्जेक्ट में या तो फेल हैं या प्रमोटेड की हुई हैं। अधिकतर को तो जीरो जीरो नंबर दिया हुआ है मानों उन छात्राओं ने कॉपी में कुछ लिखा ही न हो। जूलॉजी की छात्रा शुभम प्रिया व सुप्रिया सोरेन ने बताया कि प्राचार्या डॉ. ममता रानी को हम सबने आवेदन सौंपा है। उन्होंने तुरंत टेबुलेटर को फोन मिलाया और खराब रिजल्ट के बारे में जानकारी ली। प्राचार्या को छात्राओं ने कुलपति के नाम आवेदन सौंपा और पुनर्मूल्यांकन कराने की गुहार लगाई।