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बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट वन की परीक्षा अगले आदेश तक स्थगित

21 तक रिजल्ट में सुधार हो गया तो 22 जनवरी से ली जा सकती परीक्षा। छात्रसंघ के विरोध के बाद प्रोवीसी व कंट्रोलर ने परीक्षा की स्थगित।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 10:25 PM (IST)
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट वन की परीक्षा अगले आदेश तक स्थगित
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट वन की परीक्षा अगले आदेश तक स्थगित

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्नातक पार्ट वन-2018 की 17 जनवरी से घोषित परीक्षा ऐन वक्त पर अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गई है। 2017 बैच के खराब रिजल्ट, फेल, पेंडिंग व प्रमोटेड का मामला अभी तक नहीं सुलझने के कारण छात्रसंघों के भारी विरोध व नाराजगी के बाद मंगलवार को प्रोवीसी डॉ. आरके मंडल ने परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की।

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 बताया गया है कि फिलहाल 21 जनवरी तक परीक्षा स्थगित रहेगी। अगर उससे पहले खराब रिजल्ट में सुधार हो गया तो 22 जनवरी से परीक्षा ली जा सकेगी। अन्यथा तारीख फिर आगे बढ़ा दी जाएगी। हालांकि, परीक्षा कब से ली जाएगी इसपर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। रिजल्ट में सुधार के बिना परीक्षा शुरू नहीं कराने के लिए विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्र नेताओं ने प्रोवीसी से मुलाकात की और अपनी आपत्ति जताई।

 इसके बाद ही परीक्षा स्थगित करने की घोषणा हुई। मौके पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओपी रमण के अलावा आरडीएस कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष राजाबाबू, मृणाल शुभम, अभाविप के संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, विवि इकाई के अध्यक्ष प्रशांत गौतम, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चंद्रभानु कुमार मौजूद थे। वहीं एलएस कॉलेज छात्रसंघ के काउंसिल मेंबर ठाकुर प्रिंस ने परीक्षा स्थगित होने के लिए विवि को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि तीसरी बार ऐसा हुआ है। परीक्षा विभाग सोच-विचार कर क्यों नहीं तारीख तय करता है। अभी तक हजारों मामले पेंडिंग हैं।

परीक्षा को लेकर असमंजस बरकरार

विश्वविद्यालय के सामने दुविधा यह है कि अगले माह मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा भी शुरू हो रही है। इससे स्नातक की परीक्षा साथ-साथ कराने में मुश्किल होगी। अगर, ऐसा हुआ तो बहुत संभव है कि स्नातक की परीक्षा फिर मार्च में चली जाएगी।

 हालांकि, विवि ऐसा कदापि चाहता नहीं है, क्योंकि राजभवन का भारी दबाव है। हर हाल में यह परीक्षा जनवरी में ही खत्म नहीं करने पर हो सकता है कि राजभवन दोषियों पर कार्रवाई भी करे। इसी डर के चलते परीक्षा विभाग आननफानन परीक्षा लेने पर आमादा है।

 इस बीच प्रोवीसी ने कहा कि परीक्षार्थियों को इससे वास्ता नहीं रखना चाहिए। यह विवि का टेंशन है। हमारी कोशिश है कि जनवरी में ही परीक्षा शुरू करा ली जाए। अगर ऑनर्स पेपर व सब्सीडियरी एकसाथ संभव नहीं हो सकेगा तो पहले ऑनर्स पेपर की परीक्षा लेने पर भी विचार किया जा सकता है।

पेंडिंग सुधार के लिए आज से फिर आवेदन आमंत्रित

जिन छात्र-छात्राओं का रिजल्ट खराब या पेंडिंग हुआ है वे विवि के जूलॉजी विभाग में आवेदन देंगे। पेंडिंग क्लीयर होता जाएगा और विद्यार्थी फॉर्म भी भरते जाएंगे। दो दिनों की इसके लिए अलग से मोहलत दी गई है। परीक्षा नियंत्रक ने छात्रसंघ अध्यक्ष व अन्य छात्र नेताओं से अपील की है कि इन दो दिनों वे खुद भी मौजूद रहकर रिजल्ट सुधरवाने में विद्यार्थियों की मदद करें। सुधार के लिए आवेदन कॉलेजों से फॉरवर्ड कराकर जूलॉजी विभाग के साथ विद्यार्थी चाहें तो विवि छात्रसंघ के कार्यालय में भी जा सकते हैं।


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