समीर हत्यानकांड : मंटू के बताए ठिकाने से एके-47 लेकर गोविंद ने की थी हत्या
मंटू के भाई नवीन के ठिकाने पर ही पूर्व मेयर की हत्या के बाद रखा गया था हथियार। हथियार की अब तक बरामदगी नहीं होने से पुलिस की बढ़ी चुनौती।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पूर्व मेयर समीर हत्याकांड में शंभू-मंटू पर भी शिकंजा कसा जाएगा। रिमांड पर लिए गए पिंटू से पुलिस को कई जानकारी मिली है। शंभू व मंटू के शूटर समेत अन्य शागिर्दों के बारे में भी पिंटू ने जानकारी दी है। पुलिस को पता चला है कि समीर की हत्या के लिए मंटू के इशारे पर उसके भाई नवीन के ठिकाने से गोविंद को एके-47 मुहैया कराई गई।
फिर, सुजीत और गोविंद एक बाइक से चंदवारा आए और समीर व उनके चालक की हत्या कर दी। हत्या के बाद नवीन के ठिकाने पर ही एके-47 को ठिकाने लगा दिया गया। घटना के बाद जब हथियार देने के लिए सुजीत गया तो पिंटू के कई लोगों ने देखा था। इस बात की जानकारी पुलिस को पूछताछ के दौरान मिली है। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती एके-47 की बरामदगी है।
इसके लिए पुलिस पिंटू और नवीन की निशानदेही पर मंगलवार की शाम वैशाली, मोतिहारी, समस्तीपुर समेत कई जगहों पर छापेमारी कर रही। पुलिस का कहना है कि हत्या में शंभू व मंटू का नाम भी सुर्खियों में आ गया है। इसके लिए शंभू और मंटू को भी हिरासत में लिया जाएगा, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
दूसरी ओर पुलिस यह भी पता चला है कि शंभू-मंटू के लिए गोविंद शूटर का काम करता था। साथ ही, ओमकार और गोविंद से जुड़े शागिर्दों की पहचान कर पुलिस ने तलाश तेज कर दी है।
80 लाख में तय हुआ था सौदा
कल्याणी मार्केट को खाली कराने को लेकर सुशील छापडिय़ा ने सबसे पहले शंभू से संपर्क किया था। उस समय शंभू जेल में बंद था। 80 लाख में सौदा तय हुआ था। तीस लाख रुपये पेमेंट भी कर दिया गया। लेकिन, ओमकार कल्याणी मार्केट के कुछ दुकानदारों से मिलाकर सुशील छापडिय़ा से रकम वसूली करने के लिए मार्केट को खाली नहीं होने देना चाह रहा था। इसके लिए ओमकार ने गोविंद को अपने पक्ष में कर लिया।
इस बात की जानकारी मिलने के बाद सुशील छापडिय़ा सिंडिकेट के सदस्यों ने गोविंद को रास्ते से हटाने के लिए कांट्रेक्ट किलरों का सहारा लेना शुरू कर दिया। जानकारी गोविंद को मिली तो उसने कुख्यात मंटू से संपर्क किया और समीर की हत्या की साजिश रच दी। इसके बाद मंटू के इशारे पर उसके बताए गए ठिकाने से एके-47 लेकर समीर की हत्या कर दी गई।
छह महीने से हो रही थी नवीन व गोविंद के बीच बातचीत
पुलिस को वैज्ञानिक साक्ष्य मिले हैं। पुलिस का कहना है कि समीर की हत्या के करीब छह महीने पूर्व से ही लगातार नवीन से गोविंद की बातचीत होती थी। पुलिस दोनों की मोबाइल कॉल डिटेल्स को खंगालकर कार्रवाई कर रही। सुशील सिंडिकेट के अन्य सदस्यों पर भी कसेगा शिकंजा मुजफ्फरपुर हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस सुशील छापडिय़ा सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसेगी।
मामले में अब तक साजिशकर्ता के रूप में श्यामनंदन मिश्रा, सुशील छापडिय़ा, शूटर गोविंद, सहयोगी पिंटू सिंह, ओमकार को जेल भेजा जा चुका है। लेकिन, इन सभी से पूछताछ में सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों को भी पुलिस हिरासत में ले सकती है।
सुजीत व राजू तुरहा की गिरफ्तारी चुनौती
गिरोह में शामिल राजू तुरहा व सुजीत की गिरफ्तारी पुलिस के लिए अब तक चुनौती बनी है। भले ही पुलिस की तरफ से छापेमारी का दावा किया जा रहा, लेकिन गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों के घर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
113 दिन पूर्व हुई थी समीर व उनके चालक की हत्या
चंदवारा इलाके में 113 दिन पूर्व समीर व उनके चालक की एके-47 से हत्या कर दी गई थी। मौके पर ही दोनों लोगों की मौत हो गई थी। घटना का फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद है। जिसके बाद पूरे मामले का पटाक्षेप हुआ।