निकायकर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही सरकार
राज्य सरकार स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। मुजफ्फरपुर। राज्य सरकार स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायत) के कर्मचारियों क
मुजफ्फरपुर। राज्य सरकार स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायत) के कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। निकायों में सृजित पदों को समाप्त कर कर्मचारियों को सड़क पर लाना चाहती है। कर्मचारियों के वाजिब हक को मारना चाहती है। यदि सरकार ने स्वीकृत पदों को घटाया और चतुर्थवर्गीय व सफाई मजदूरों के पदों को समाप्त करने के फैसले को वापस नहीं लिया तो कर्मचारी सड़क पर उतरने का बाध्य होंगे। इस आशय की घोषणा बुधवार को नगर निकाय कर्मचारी संघ के बैनर तले निगम कार्यालय परिसर में हुई कर्मचारियों की आमसभा में की गई। संघ के नेताओं ने कहा कि बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के बैनर तले पटना में नगर विकास एवं आवास मंत्री के समक्ष राज्यभर के निकायकर्मी प्रदर्शन करेंगे। इसमें मुजफ्फरपुर नगर निगम से बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल होंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो जुलाई में कर्मचारी निकायों का चक्का जाम कर देंगे। आमसभा को कामगार यूनियन के संयोजक रमेश ओझा, अशोक राय, निकाय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष शंभु राय, देवन रजक, मदन प्रसाद सिंह, विनय कुमार सिंह, दसई राम, मनोज सिंह, मदन सिंह, मीना देवी, उषा देवी, रामलखन सिंह, संतोष राम आदि ने संबोधित किया। निकायकर्मियों की मांगें :
-निकायों में सप्तम वेतन पुनर्रीक्षण शीघ्र लागू किया जाए।
-वर्षो से निकायों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी, संविदा व आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को ईपीएफ व ईएसआइ की सुविधा दी जाए।
-ऐसे कर्मचारियों की सेवा स्थाई की जाए।
-सामान काम के लिए समान वेतन तथा न्यूनतम मजदूरी 600 रुपये प्रतिदिन लागू हो।
-कमीशन प्रथा समाप्त कर संग्रहकर्ताओं को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए और उनकी सेवा स्थाई की जाए।
-सरकारी कर्मचारियों की तरह आजीवन पारिवारिक पेंशन लागू की जाए।
-सफाई कार्य में लगे कर्मचारियों को वर्दी, ग्लब्स, जूता, साबुन व तेल उपलब्ध कराए जाएं।