मुजफ्फरपुर में बच्चों पर सरकार खर्च कर रही करीब तीन अरब, विद्यालयों की स्थिति दयनीय
कोविड काल में भी पिछले दो वर्षों से बच्चों के लिए लाभकारी योजनाएं चल रही हैं। जिले में करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चों को बैठकर पढऩे तक की व्यवस्था नहीं है। किसी दूसरे स्कूल में तीन स्कूलों को टैग कर दिया गया है।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले के सरकारी प्राथमिक, मध्य एवं उच्च विद्यालयों में करीब 10 लाख छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। हर स्तर के विद्यार्थी के लिए सरकार की अलग-अलग योजनाएं हैं। साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, पुस्तक क्रय सहित अन्य कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैैं। इन पर तीन अरब से अधिक खर्च हो रहे हैैं, लेकिन स्कूलों की स्थिति दयनीय है। इसे किस तरह सुधारा जाए, कक्षाएं चलें, बच्चे स्मार्ट बनें इस पर स्थानीय से लेकर राज्य मुख्यालय में बैठे शीर्ष अफसरों को कोई मतलब नहीं है। कोविड काल में भी पिछले दो वर्षों से बच्चों के लिए लाभकारी योजनाएं चल रही हैं। जिले में करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चों को बैठकर पढऩे तक की व्यवस्था नहीं है। किसी दूसरे स्कूल में तीन स्कूलों को टैग कर दिया गया है।
प्राथमिक और मध्य विद्यालय में करीब आठ लाख बच्चे हैं। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को किताब क्रय करने के लिए 250 और मध्य विद्यालय के बच्चों के लिए 400 रुपये देने का प्रावधान हैं। इन पर सरकार साढ़े पच्चीस करोड़ रुपये खर्च कर रही है। कक्षा एक से 12 तक के बच्चों के लिए पोशाक योजना चल रही। इंटर में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से एससी, एसटी व मुस्लिम के लिए 25000 हजार रुपये दिए जा रहे हैैं। प्रथम स्थान वाले को 10 और द्वितीय वाले को आठ हजार रुपये दिए जा रहे थे। इस मामले में राज्य मुख्यालय ने भी चुप्पी साध रखी है।
जहां प्ले ग्राउंड नहीं वहां बच्चे खेलते कैरम
जिन स्कूलों के पास प्ले ग्राउंड नहीं है वहां के बच्चों को चेस, कैरम बोर्ड आदि खेलने को कहा जाता है। शहर में जिला स्कूल, मुखर्जी सेमिनरी, बीबी कालेजिएट आदि स्कूलों में प्ले ग्राउंड हैं। वहीं, जिले में करीब 250 उच्च विद्यालय हैं। खेल के लिए सरकार ओर से प्राथमिक विद्यालयों को 3000, मध्य विद्यालयों को 5000 व उच्च विद्यालयों के लिए 25000 रुपये सालाना देने का प्रावधान है।
बाल दिवस पर स्कूलों में क्या कार्यक्रम होंगे अधिकारियों को मालूम नहीं
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन 14 नवंबर को मनाया जाता है। इस बार यह रविवार को है। इसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिले के कुछ ही सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूल खुलेंगे। शिक्षा अधिकारियों को यह पता नहीं कि इस मौके पर क्या कार्यक्रम होने हैैं।