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Gorakh Thakur murder: 25 वर्ष पहले अपराध की दुनिया में रखा था कदम, इसकी शादी के किस्से भी मशहूर

पश्चिम चंपारण जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हत्या अपहरण व लूट के करीब 23 मामले दर्ज। 2007 में शिकारपुर पुलिस ने मादक पदार्थ की तस्करी में किया था गिरफ्तार। जेल से छूटने पर अपने ही मोहल्ले के एक व्यक्ति कर दी थी हत्या।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 09:10 AM (IST)
Gorakh Thakur murder: 25 वर्ष पहले अपराध की दुनिया में रखा था कदम, इसकी शादी के किस्से भी मशहूर
अपंग होने के बाद उसकी पत्नी भागकर प्रेमी के पास चली गई। फाइल फोटो

नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण), जागरण संवाददाता। जिले के नरकटियागंज के प्रकाश नगर निवासी कुख्यात गोरख ठाकुर उर्फ वीरेंद्र ठाकुर की लखनऊ में हत्या के बाद यहां लोगों ने राहत की सांस ली है। उस पर नरकटियागंज रेलवे और शिकारपुर थाने में हत्या, अपहरण और लूट के करीब 23 मामले दर्ज हैं। शहर के कई व्यापारियों को ब्याज पर रुपये देता था। लखनऊ से फोन पर धमकी देने के साथ वसूली करता था। 44 वर्षीय गोरख ठाकुर ने करीब 25 वर्ष पहले वर्ष 1997 में अपराध जगत में कदम रखा था। शुरुआत लूटपाट, मारपीट और छिनतई से की। वर्ष 1998 में नरकटियागंज में वसूली करने आए मुजफ्फरपुर के कपड़ा व्यवसायी के कर्मी से डेढ़ लाख रुपये की लूट की थी। इसके बाद उसके कारनामे बढ़ते गए। वर्ष 2007 में शिकारपुर पुलिस ने नेपाल बार्डर से मादक पदार्थ के साथ उसे गिरफ्तार किया था। तीन वर्ष बाद जेल से छूटा तो अपने ही मोहल्ले के गट्टू चौरसिया की हत्या कर दी। इसके बाद उसके अपराधिक कारनामों की कड़ी जुड़ती गई। ठीकेदारी से लेकर रंगदारी मांगने, ब्याज पर रुपये चलाने का धंधा करने लगा। वर्ष 2013 में नरकटियागंज के आर्यसमाज रोड में गोरख पर जानलेवा हमला हुआ था। 

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लखनऊ से गुर्गों के सहारे चलाता था आपराधिक साम्राज्य

पुलिस की दबिश बढऩे पर करीब 13 साल पूर्व उसने लखनऊ में ठिकाना बना लिया। वहीं से गुर्गों के सहारे आपराधिक साम्राज्य चलाता था। पिछले कई वर्षों से नरकटियागंज, बेतिया, बगहा नगर परिषद के वाहन पार्किंग समेत अन्य का ठेका अपने चहेतों और रिश्तेदारों के नाम से लेकर चलाता रहा। करोड़ों की निर्माण संबंधी ठीकेदारी भी ली। उसके भय से दूसरा कोई ठीकेदारी में हाथ नहीं डालता था।

मिर्जापुर पुलिस ने किया था गिरफ्तार

सितंबर 2015 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मिर्जापुर के विंध्याचल स्थित एक होटल में छापेमारी कर गोरख को गिरफ्तार किया था। उस समय वह दिल्ली में रहता था। व्यापारियों से रंगदारी वसूलता था। एक व्यापारी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने विंध्याचल कोतवाली पुलिस की मदद से मंदिर के पास स्थित एक होटल में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार की थी। वह तीन दिनों से होटल में लखनऊ के वीरेंद्र ठाकुर के नाम की आइडी से ठहरा हुआ था।

पत्नी छोड़कर पहले वाले प्रेमी के साथ चली गई

गोरख ने पहली शादी वर्ष 2005 में अपने ही शहर की रहने वाली उस लड़की से की, जो अपने प्रेमी से साथ भाग गई थी। परिवार वालों ने उससे मदद मांगी तो प्रेमी से छुड़ाकर उस लड़की को लेकर लखनऊ चला गया था। वहीं उससे शादी कर ली थी। 2019 में लखनऊ के आलमबाग में उस पर जानलेवा हमला हुआ था। गोली लगने के बाद वह महीनों अस्पताल में रहा। उसके अपंग होने के चलते वर्ष 2020 में पहली पत्नी उसे छोड़कर फिर अपने पहले वाले प्रेमी के साथ चली गई थी। चर्चा है कि गोरख ने अपनी पहली पत्नी के नाम से भी बहुत संपत्ति अर्जित की थी। गोरख ने अपनी मां को नगर निकाय का चुनाव लड़ाने का प्रयास भी किया था। लोगों से मिलने-जुलने लगा। दो गरीब लड़कियों की शादी कराने में भी अपनी भूमिका निभाकर सामाजिक छवि बनाने की कोशिश की। मगर इस राह पर अधिक दिन तक नहीं चल सका।  


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